
आज का दिन भारतीय फुटबॉल के सुनहरे दिनों की याद दिलाता है। इसी दिन भारत ने अपना पहला आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। टूर्नामेंट भी कोई छोटा नहीं, बल्कि 1948 का ओलंपिक था। 17,000 की भारी भीड़ के सामने पूर्वी लंदन के क्रिकलफील्ड स्टेडियम मैदान में भारतीय टीम फ्रांस के खिलाफ खेलने उतरी थी।
उन दिनों भारतीय टीम नंगे पैर फुटबॉल खेलती थी और लंदन में खेले गए ओलंपिक के इस मैच में भी भारत के ज्यादातर खिलाड़ी बिना जूते के मैदान में उतरे थे। भारत को फ्रांस के खिलाफ 1-2 से ज़रूर हार का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम ने अंतिम समय तक संघर्ष जारी रखा था।
जूतों की कमी शायद ही भारतीय खिलाडियों के लिए कोई बाधा थी क्योंकि उस दिन टीम ने बेहतरीन फुटबॉल खेला और विरोधियों को कड़ी टक्कर दी। इस मुकाबले में फ्रांस की ओर से 30वें मिनट में पहला गोल हुआ। भारतीय टीम ने 70वें मिनट में सारंगपाणि रमण के गोल की बदौलत 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। आखिरकार 89वें मिनट में फ्रांस ने गोल कर मैच जीत लिया।
इसके साथ ही मैसूर स्टेट पुलिस फुटबॉल टीम के सारंगपाणि रमण ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। बेंगलुरु के इस फॉरवर्ड ने भारत की ओर से पहला अंतरराष्ट्रीय गोल करने का कीर्तिमान रच डाला। मैच के बाद कप्तान एओ ने कहा था, “देखिए, हम भारत में फुटबॉल खेलते हैं, जबकि आप बूटबॉल खेलते हैं!”