चीन को पछाड़ कर डिजिटल पेमेंट से लेनदेन के मामले में टॉप पर पहुंच भारत

चीन को पछाड़ कर डिजिटल पेमेंट से लेनदेन के मामले में टॉप पर पहुंच भारत
डिजिटल पेमेंट के मामले में चीन दुनिया में कभी नंबर वन पर था. दूसरे नंबर पर भारत था. लेकिन अब यूपीआई से लेनदेन के मामले में भारत दुनिया में टॉप पर पहुंच चुका है. इंडिया डिजिटल पेमेंट्स एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक भारत यूपीआई, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड से कुल 149.5 ट्रिलियन रुपये के 87.92 बिलियन लेनदेन किया है।
इंडिया डिजिटल पेमेंट्स एनुअल रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई से 74.05 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शन और 126 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है. साल 2022 के डाटा के मुताबिक 2021 की तुलना में लेनदेन में 91 फीसदी और प्राइस में 76 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं अनुमान है कि भारत आने वाले सालों में भी डिजिटल पेमेंट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज करेगा. वहीं इससे पहले भी एक ऐसा देश था, जो भारत से ज्यादा डिजिटल पेमेंट करता था
कैसे डिजिटल पेमेंट में भारत बना नंबर वन
2010 के बाद से ही भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में तेजी से छलांग लगा रहा था. हालांकि सबसे तेज बढ़ोतरी 2014 के आने के बाद हुई है. चीन का ग्राफ गिरने के साथ ही भारत 2023 आते आते डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शन के मामले में 61 हजार मिलियन के स्तर को भी पार कर चुका है. वहीं चीन का डिजिटल ट्रांजेक्शन मात्रा 22 हजार से ज्यादा है. अभी भी तीसरे नंबर पर अमेरिका है, जिसका डिजिटल ट्रांजेक्शन 4761 से ज्यादा है।
विकसित देशों से कहीं आगे भारत
भारत डिजिटल पेमेंट सिस्टम (Digital Payment System) में जिस तेजी से आगे बढ़ा है, उसके मुकाबले विकसित देश बहुत पीछे दिख रहे हैं। कोरोना महामारी में भारत के मजबूत डिजिटल सिस्टम ने बिना किसी खामी के भारतीय लाभार्थियों तक सही तरीके से और तेजी से मदद पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।
डिजिटल भुगतान में भारत का रिकार्ड़
वित्त वर्ष 2021-22 में 8,800 करोड़ से ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए। मौजूदा वित्त वर्ष (2022-23) में ही जुलाई तक 3,300 करोड़ से ज्यादा ऐसे लेनदेन हुए। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में ही अब तक 566 लाख करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजैक्शन किया जा चुका है। ये ट्रांजैक्शन दिनों दिन बढ़ भी रहे हैं।