
बिहार के कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड के मोकरी गांव में बनाया जाता है गोविंदभोग चावल, जो अपने आप में बेहद खास है। इस चावल का अद्भुत सुगंध आपको मोहित कर देगा। यह गोविंद भोग चावल मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। आपको बता दें कि अयोध्या में श्री राम को मकरी गांव में तैयार होने वाले गोविंद भोग चावल से ही भोग लगेगा।
गोविंद भोग चावल से रामलला को भोग लगाने की परंपरा
मोकरी गांव में पिछले कई वर्षों से गोविंद भोग चावल से रामलला को भोग लगाने की परंपरा चली आ रही है। अगर कहीं मोकरी के सोनाचुर का चावल बन रहा होता है, तो वहाँ एक सुगंधित वातावरण होता है। यह अपने विशिष्ट स्वाद और खुशबू की वजह से काफी लोकप्रिय है। मोकरी गांव के एक किसान और चावल व्यवसाई देवमुनि पटेल ने बताया कि वे पिछले 30 वर्षों से मोकरी में व्यवसाय कर रहे हैं। लोगों को जरूरत के हिसाब से विश्व प्रसिद्ध चावल देते हैं।
भोग लगाने के लिए क्यों जाता है गोविंद भोग चावल
पिछले पांच वर्षों से अयोध्या में श्री राम को भोग लगने के लिए मोकरी के सोनाचूर का चावल भेजा जाता है। उनका कहना था कि इस चावल का उत्पादन पूरे मोकरी में होता है, लेकिन इसमें भी अयोध्या के लिए गोविंद भोग नामक एक विशिष्ट वैरायटी का चावल बनाया जाता है। यहां के किसान देवमुनि पटेल ने बताया कि चावल की बड़ी मांग के कारण यहां के किसान अधिक सोनाचूर धान की खेती करते हैं। यही कारण है कि अयोध्या में लगातार गोविंद भोग चावल यहां से भेजा जाता है।
प्रकृति का वरदान हैं ये चावल
50 से 60 क्विंटल चावल प्रति वर्ष इस क्षेत्र से अयोध्या भेजा जाता है। उन्हें बताया गया कि यह प्रति कुंतल छह हजार रुपये में बेचा जाता है। खास बात यह है कि व्यापारी दरों में कोई वृद्धि नहीं होती। देवमुनि पटेल ने यह भी कहा कि इस चावल को बहुत मेहनत से बनाया जाता है और फिर इसे पैक करते हैं। इस चावल को खाने से इसकी खासियत महसूस नहीं होती, इसे प्रकृति का वरदान कह सकते हैं। इस चावल का स्वाद और स्वाद अद्भुत हैं। यह भी मां मुंडेश्वरी की कृपा कहलाता है।