
Prashant Kishor : प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 10-12 वर्षो से लोग सिर्फ घोषणाएं सुनते आ रहें है, लेकिन कुछ होता नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि बिहार के बच्चों का पलायन कब रुकेगा?
पीएम नरेंद्र मोदी आज बिहार के दौरे पर हैं. सीवान में कार्यक्रम है. पीएम मोदी के बिहार दौरे को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हमला किया है. प्रशांत किशोर ने कहा कि पीएम मोदी पहली बार नहीं आ रहे हैं. इस यात्रा का मकसद बताते हुए कहा कि पहले भी हम लोगों ने बताया है कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री एक बार नहीं, पांच बार नहीं, दस बार आएंगे, लेकिन बिहार के लिए नहीं आ रहे हैं, बिहार के भले के लिए नहीं आ रहे हैं, बिहार के विकास के लिए नहीं आ रहे हैं, वह बीजेपी और एनडीए के लिए वोट मांगने के लिए आ रहे हैं.
वह क्या देंगे नहीं देंगे यह तो आने वाला समय बताएगा
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों को वह क्या देंगे नहीं देंगे यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन यह बात तो सत्य है कि पीएम मोदी का जो कार्यक्रम हो रहा है उसका खर्च बिहार सरकार दे रही है. बिहार के लोग दे रहे हैं. जहां तक मढ़ौरा में लोकोमोटिव फैक्ट्री की बात है, तो यह कोई नई बात नहीं है, फैक्ट्री पहले से ही मौजूद है. मढ़ौरा में जो चीनी मिल थी, उस पर बोलना चाहिए. कभी यह इलाका एक औद्योगिक केंद्र हुआ करता था
घोषणा होती है लेकिन कुछ होता नहीं है : प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 10-12 वर्षों से जनता सिर्फ घोषणाएं सुन रहीं है, लेकिन कुछ जमीनी स्तर पर होता नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि आखिर बिहार के बच्चों का पलायन कब रुकेगा? कम से कम इतनी फैक्ट्रियां कब लग जाएंगी कि बिहार के लोगों को दस हजार रुपये के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा?
बिहार में भी बच्चों के लिए रोजगार हो
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, जिस तरह से पीएम गुजरात में बात करते हैं उस तरह से मोदी जी जिस दिन बिहार में बात करेंगे तो बिहार के लोग संज्ञान लेंगे. पीएम मोदी दिल्ली में बैठें या बिहार आएं, यहां के लोगों की तो यही उम्मीद है कि पिछले 15 साल से हम लोग मोदी जी के नाम पर वोट दे रहे हैं. बिहार से तीस से अधिक सांसद भेजे गए हैं. इसी उम्मीद से भेजा गया है कि बिहार जो देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है यहां की भी स्थिति बदलेगी. बिहार में भी बच्चों के लिए रोजगार हो. सिर्फ गुजरात और महाराष्ट्र में फैक्ट्री न लगे. हम लोगों के बच्चे गुजरात और महाराष्ट्र में जाकर मजदूर न बनें. बिहार के लोगों की यही अपेक्षा है. बिहार के लोगों का पलायन जल्द रुक जाए.
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