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म्यांमार में इस वजह से आया विनाशकारी भूकंप, वैज्ञानिकों ने दी चौंकाने वाली जानकारी

Earthquake in Myanmar : शुक्रवार (28 मार्च) को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप ने कई लोगों की जान ले ली और अभी भी कई लोग बुरी तरह से घायल हैं। बताया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। फिलहाल भूकंप के इन झटकों से म्यांमार में हालात ज्यादा भयावह हो गए हैं। इसके साथ ही थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई इमारतों के गिरने के बाद स्थिति गंभीर है।

वहीं, भूकंप की तबाही को देखते हुए थाईलैंड की प्रधानमंत्री ने बैंकॉक को इमरजेंसी जोन घोषित किया है, ताकि वहां जल्द से जल्द मदद पहुंच सके। बता दें कि थाईलैंड में करीब 10 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं, म्यांमार में हालत अभी भी बहुत गंभीर बनी हुई है। इन झटकों से म्यांमार में हालात ज्यादा भयावह हो गए हैं, जिसके बाद वहां की सेना ने दुनिया से मदद की अपील की है। देश के कई इलाकों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। म्यांमार में मरने वालों की संख्या एक हजार से ज्यादा की बताई जा रही है।

28 मार्च को महसूस किए गए थे भूकंप के झटके

आपको बताते चलें की शुक्रवार (28 मार्च) को चीन, म्यांमार, थाईलैंड और भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। म्यांमार में पहला भूकंप दोपहर 12.50 बजे आया, जिसकी रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता मापी गई है। इस भूकंप का केंद्र म्यांमार का सागाइंग शहर के पास धरती के 10 किलोमीटर गहराई में था। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने बताया कि इसके 12 मिनट के बाद दूसरा भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.4 थी. इस भूकंप के बाद म्यांमार और थाईलैंड से तबाही की तस्वीरें सामने आईं।

म्यांमार में इमरजेंसी घोषित 

भूकंप के झटकों से सबसे ज्यादा तबाही म्यांमार के मांडले, सागाइंग शहरों में देखी गई। जिसके बाद सेना ने भूकंप से प्रभावित कई शहरों मांडले, नेपीताव, बागो और शान में इमरजेंसी घोषित कर दी। इस भूकंप का केंद्र सागाइंग ही था। इसलिए मध्य इलाके में ही सबसे ज्यादा भूकंप से नुकसान हुआ है।

बैंकॉक में गिरी बिल्डिंग, इमरजेंसी जोन घोषित 

म्यांमार में आए भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड में दिखाई दिया। यहां राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग गिर गई, जिसमें काम कर रहे करीब 80 मजदूर दब गए थे। जिनमें से 10 मजदूरों के शव मिल चुके हैं। इसके बाद बैंकॉक में ट्रेन सेवा सस्पेंड कर दी गई और एयरपोर्ट को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। बाद में थाईलैंड की प्रधानमंत्री ने बैंकॉक को इमरजेंसी जोन घोषित कर दिया ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जा सके।

भूकंप के आने का कारण

सागाइंग फॉल्ट की वजह से म्यांमार में आया भूकंप

म्यांमार में धरती की सतह के नीचे की चट्टानों में मौजूद एक बहुत बड़ी दरार है, जो देश के कई हिस्सों से होकर गुजरती है। यह दरार म्यांमार के सागाइंग शहर के पास से गुजरती है इसलिए इसका नाम सागाइंग फॉल्ट पड़ा। यह म्यांमार में उत्तर से दक्षिण की तरफ 1200 किमी. तक फैली हुई है।

क्या है सागाइंग फॉल्ट?

यह एक ‘स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट’ है, जिसका अर्थ है कि इसके दोनों ओर मौजूद चट्टानें एक-दूसरे के समानांतर दिशा में खिसकती हैं, लेकिन ऊपर-नीचे नहीं जातीं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे दो किताबें टेबल पर रखी हों और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ स्लाइड किया जाए।

कैसे बनता है भूकंप का खतरा?

सागाइंग फॉल्ट अंडमान सागर से लेकर हिमालय की तलहटी तक फैला हुआ है और यह पृथ्वी की टेक्टॉनिक प्लेटों की हलचल के कारण बना है। भारतीय प्लेट उत्तर-पूर्व की ओर खिसक रही है, जिससे सागाइंग फॉल्ट पर लगातार दबाव बनता है। जब यह दबाव अत्यधिक हो जाता है, तो चट्टानें अचानक खिसक जाती हैं, जिससे भूकंप आते हैं।

इतिहास में आए भूकंप

म्यांमार में कई विनाशकारी भूकंप सागाइंग फॉल्ट की वजह से आए हैं। इससे पहले, 2012 में 6.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया था। 1930 से 1956 के बीच, इस क्षेत्र में 7.0 या उससे अधिक तीव्रता के छह से ज्यादा भूकंप आ चुके हैं, जो इसे दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्रों में से एक बनाता है।

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