शीत सत्र से पहले PM Modi की विपक्ष को नसीहत- ‘हार का गुस्सा सदन में न दिखाए’

PM Modi: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच आज शीतकालीन सत्र का पहला दिन शुरू होने जा रहा है। इस मौके पर कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि बीते दिन मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल हुई है। मध्य प्रदेश में भाजपा ने 163 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की है। वहीं अगर हम बात करें राजस्थान में भी भाजपा ने 115 सीटों पर जीत हासिल की है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 54 सीटें जीती हैं। तेलंगाना में कांग्रेस को 64 सीटों पर जीत मिली है। वहीं मिजोरम में मतगणना जारी है जहां जेपीएम आगे चल रही है।
विपक्ष में बैठे हुए साथियों के लिए सुनहरा अवसर PM Modi
संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सर्दी बहुत धीमी गति से आ रही है, लेकिन राजनैतिक गर्मी बड़ी तेज से बढ़ रही है। कल ही चार राज्यों के चुनाव के नतीजे सामने आए हैं। परिणाम बहुत ही उत्साहजनक हैं। खासकर उन लोगों के लिए उत्साहजनक हैं, जो देश के आम लोगों के कल्याण और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पीएम मोदी ने कहा, ‘अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजों के आधार पर कहूं, तो ये विपक्ष में बैठे हुए साथियों के लिए सुनहरा अवसर है। इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय, इस पराजय से सीखकर, पिछले नौ साल में चलाई गई नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़कर इस सत्र में अगर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा।’
#WATCH | Winter Session of Parliament | PM Narendra Modi says, "…Rajnaitik garmi badi tezi se badh rahi hai. Yesterday, the results of the four-state elections came out. The results are very encouraging – encouraging for those who are committed to the welfare of the common… pic.twitter.com/CqzAk1AFHH
— ANI (@ANI) December 4, 2023
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘देश ने नकारात्मकता को नकारा है। मैं लगातार सत्र के प्रारंभ में विपक्षियों के साथ विचार विमर्श करता हूं। लोकतंत्र का यह मंदिर जन आकांक्षाओं के लिए, विकसित भारत की नींव को और अधिक मजबूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मंच हैं। मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि वो ज्यादा से ज्यादा तैयारी करके आएं। सदन में जो बिल रखे जाए उनपर गहन चर्चा हो। उत्तम से उत्तम सुझाव आएं क्योंकि जब कोई सांसद सुझाव रखता है तो जमीनी हकीकत से जुड़ा होता है।’
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