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सरोगेसी क्या है? क्यों सरोगेसी जरूरत के बजाए बन रहा फैशन

सरोगेसी
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सरोगेसी से तमाम सेलिब्रिटी पैरेंट्स बने हैं। फिर चाहे वे पहले से एक बच्चे की मां शिल्पा शेट्टी हो या फिर बिना शादी के मां बनी एकता कपूर। वहीं इस लिस्ट में अब देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा का नाम भी शामिल हो गया है। भारत में भी कई लोग ऐसे हैं जो सरोगेसी के जरिए बच्चा चाहते हैं लेकिन ये प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। आइए जानते हैं सरोगेसी क्या है, और क्या चुनौतियां हैं ।

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आज हम आपके साथ सरोगेसी को लेकर कुछ जानकारियां शेयर करने जा रहे हैं। साथ ही आपको बताएंगे कि भारत में सरोगेसी को लेकर क्या नियम और कानून हैं।

क्या है सरोगेसी

आसान भाषा में बताएं तो सरोगेसी बच्चा पैदा करने की एक आधुनिक तकनीक है। इसके जरिए कोई कपल बच्चा पैदा करने के लिए किसी महिला की कोख किराए पर ले सकता है। सरोगेसी के जरिये कोई महिला अपने या फिर डोनर के एग्स के जरिये किसी दूसरे कपल के लिए प्रेगनेंट होती है। जो महिला अपनी कोख में दूसरे का बच्चा पालती है, वो सेरोगेट मदर कहलाती है।

बता दें कि सरोगेसी भी दो तरह की होती है। पहली है ट्रेडिशनल तो दुसरी जेस्टेशनल ।

1. ट्रेडिशनल सरोगेसी

ट्रेडिशनल सरोगेसी में होने वाले पिता या डोनर का स्पर्म सरोगेट महिला के एग्स से मैच कराया जाता है। इस सरोगेसी में सरोगेट मां ही बच्चे की बायोलॉजिकल मां होती है।

2. जेस्टेशनल सेरोगेसी

जेस्टेशनल सेरोगेसी में सरोगेट मां का बच्चे से कोई जेनेटिक संबंध नहीं होता है। इसमें सरोगेट मां के एग्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और वो बच्चे को जन्म देती हैं। इसमें होने वाले माता पिता के स्पर्म और एग्स का मेल टेस्ट ट्यूब बेबी (ivf तकनीक) के जरिये कराने के बाद इसे सरोगेट मदर के यूट्रस में इम्प्लांट किया जाता है।

जेस्टेशनल सरोगेसी भी दो तरह की होती है

अल्ट्रस्ट्रिक सरोगेसी– तब कही जाती है जब कपल किसी सरोगेट महिला को अपने साथ रहने की परमिशन देता है और उसके सारे खर्च उठता है। ये महिला कपल की परिचित या अपरिचित भी हो सकती है। बता दें कि नए नियम के हिसाब से अल्ट्रस्ट्रिक सरोगेसी में सरोगेट मदर सिर्फ कपल की परिचित होनी चाहिए जो उसके साथ रहे।

कामर्शियल सरोगेसी -तब कही जाती है जब कपल किसी सरोगेट महिला को अपने साथ तो नही रखता है, लेकिन उसे खर्च देता है। डॉक्टरों के मुताबिक, पहले भारत में कामर्शियल काफी तेजी से चलन में थी और इसका खर्च भी 15-30 लाख के बीच होता था। बता दें कि इसी तरह की सरोगेसी पर नए नियम के तहत बैन लगाया जा रहा है।

सरोगेसी से जुड़े कानून में हुआ बदलाव

लेटेस्ट सरोगेसी रेगुलेशन बिल के मुताबिक, कमर्शियल सरोगेसी पर बैन है और केवल Altruistic Surrogacy ही की जा सकती है। जिसमें सरोगेट के मेडिकल एक्सपेंस और और इंश्योरेंस कवर को छोड़कर इच्छुक माता-पिता द्वारा कोई अन्य शुल्क या खर्च कवर नहीं किया जाएगा। सरोगेट की उम्र अब 25-35 साल के बीच रखी गई है, और वह अपने जीवनकाल में केवल एक बार सरोगेट के रूप में काम कर सकती है, पहले यह तीन बार था।

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