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Reservation: CJI ने जातिगत असमानता को दूर करने के लिए आरक्षण को बताया जरूरी

Reservation: भारत के मुख्य न्यायाधीश(सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि जाति व्यवस्था न केवल ऐतिहासिक असमानताओं में बल्कि आज की जटिल वास्तविकताओं में भी निहित है और कानून में अंतर्निहित जटिलताएं समाज में इस तरह के विभाजन को कायम रखती हैं। सीजेआई ने कहा कि जाति का प्रभाव बना हुआ है और विभिन्न जाति समूहों के लिए आर्थिक अवसरों का विस्तार हो रहा है। इस बात पर उन्होंने जोर देकर कहा कि आरक्षण या सकारात्मक कार्रवाई जाति आधारित असमानताओं को दूर करने के लिए आशा की किरण है।

Reservation: दृष्टिकोण को व्यापक बनाने की है जरूरत

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमें कानून में मौजूद जटिलताओं को स्वीकार करना चाहिए जो असमानताओं को कायम रखती हैं। हमें अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाना चाहिए। लोकप्रिय संप्रभुता की धारणा में बहुलता को अपने मूल में शामिल करना चाहिए। जटिल जाति व्यवस्था न केवल ऐतिहासिक असमानताओं में बल्कि आज की जटिल वास्तविकताओं में भी मौजूद है”।

लॉ एशिया सम्मेलन को कर रहे थे संबोधित

सीजेआई चंद्रचूड़ बेंगलुरु में 36वें लॉ एशिया सम्मेलन में ‘पहचान, व्यक्ति और राज्य: स्वतंत्रता के नए रास्ते’ विषय पर मुख्य भाषण दे रहे थे। मुख्य न्यायाधीश ने अपने भाषण में इस बात पर भी चर्चा की कि कैसे अधिवक्ताओं को स्वतंत्रता, पहचान और इसे सीमित करने में राज्य की भूमिका के अंतर्विरोध का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता की ऐतिहासिक समझ की सीमाओं को समझना महत्वपूर्ण है।

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