
Chhattisgarh: कोरिया जिले के मदनपुर बीट के जंगलों से कोयला माफिया बेखौफ होकर जंगल में घुसकर कोयला निकाल रहे हैं। जिसे रोकने वाला ना वन विभाग है ना ही खनिज विभाग है। भारत सरकार की संपदा मिनी रत्न कहे जाने वाले कोल इंडिया कि जहां बड़े-बड़े खदानें हैं या हर तरफ कोयला ही कोयला है।
उसे कॉल माफियाओं के द्वारा जंगल में घुसकर लगे पेड़ों की कटाई हो रही है। उन पेड़ों के नीचे से खुदाई कर कोयला निकालकर बाहर ले जाया जा रहा है और ईट भट्टों या अन्य जगह पर ले जाकर बेचा जा रहा है। आखिर में ऐसा क्या कारण है कि वन विभाग अमला अधिकारी गण इस पर ध्यान नहीं देते कहीं नहीं कहीं ये प्रश्न उठता है।
अधिकांश जंगल में वन विभाग की लचर व्यवस्था और खामियां दिख रही है। जहां सरकार लाखों करोड़ों रुपए वृक्षारोपण के नाम पर वन विभाग को देती है। जहां हर तरफ हरा भरा जंगल को बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है। वहीं एक तरफ जंगल की कटाई कर वहां से कोयला निकाला जाता है।
इस संबंध में ना ही वन विभाग की कोई अधिकारी सामने आकर कुछ कहते हैं न ही मीडिया से सामना करते हैं कितने बार खबर को प्रकाशित करने पर भी वन विभाग को कोई फर्क नहीं पड़ता इससे साफ जाहिर होता है। कहीं ना कहीं वन विभाग की मिलीभगत से कोयला माफिया जंगलों में घुसकर कोयले की खुदाई करते हैं।
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