Blogsविदेश

अफगानिस्तान की कैबिनेट में महिलाओं के लिए जगह नहीं, तालिबान ने कहा- ‘सिर्फ बच्चे पैदा करना उनका काम’

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद से ही वो एक के बाद एक बेतुके बयान जारी कर उल्टे सीधे फरमान जारी कर रहा है। कुछ दिन पहले ही लड़के-लड़कियों के स्कूल में एक साथ पढ़ने पर पाबंदी लगाई थी और अब कहा है कि महिलाओं का कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है।

आपको बता दें कि बीते कई दिनों से तालिबान में महिलाएं अपने अधिकारों व नई सरकार में अपनी सहभागिता के लिए तालिबान के विरूद्ध सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं का यह प्रदर्शन काबुल से बढ़कर उत्तर-पूर्वी प्रांत बदख्शां पहुंच गया है। और वहाँ की महिलाएँ भी प्रदर्शनकारी महिलाओं का साथ देने सड़कों पर उतर आई हैं।

महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधि नहीं- तालिबान

जिस पर तालिबान के प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा कि ‘एक महिला कभी मंत्री नहीं बन सकती है। किसी महिला को मंत्री बनाना एकदम वैसा ही है, जैसे उसके गले में ऐसी कोई चीज रख देना, जिसे वो नहीं उठा सकती है। महिलाओं का कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करने चाहिए। यही उनका मुख्य काम है। और महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं।’

इससे पहले भी अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार बनने के बाद उन्होंने वहाँ शरिया कानून लागू कर दिया था, जिसके तहत महिलाओं के द्वारा किसी भी खेल का हिस्सा बनने पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा तालिबान के संस्कृति आयोग ने गुरुवार को ये भी कहा कि महिलाएं क्रिकेट समेत ऐसे किसी भी खेल में शामिल नहीं हो सकतीं, जिनमें उनका चेहरा या शरीर का कोई भाग दिखता हो।

महिलाओं के प्रदर्शन करने वाले पत्रकारों का सिर जूते से कुचला

तालिबानी सरकार की क्रूरता की कई दर्दनाक कहानियां हम लगातार सुन ही रहे हैं उन्हीं में से एक कहानी दो पत्रकारों की है, जिन्हें उनका काम करने पर तालिबानियों ने सजा दी है। उनका अपराध सिर्फ़ इतना है कि उन्होंने प्रदर्शन कर रही महिलाओं की न्यूज़ को कवर किया था। जिसके बदले में तालिबानियों ने उन्हें सजा के तौर पर राजधानी काबुल के एक पुलिस स्टेशन में चार घंटे तक बंधक बनाकर रखा और कपड़े उतरवाकर कर बेंत, चाबुक और बिजली के तारों से उनकी बेदर्दी से पिटाई भी की। पत्रकारों के शरीर पर मौजूद घावों के गहरे निशान तालिबानी क्रूरता को बयां कर रहे हैं।

उन पीड़ित पत्रकारों में से एक फोटोग्राफर पत्रकार नेमातुल्लाह नकदी ने एएफपी को बताया कि तालिबानियों में से एक तालिबानी ने मेरे सिर पर पैर रखा और जूतों में लगी कंक्रीट से मेरा चेहरा कुचल दिया। उसने मेरे सिर पर लात मारी, मुझे लगा कि अब वो मुझे मार डालेंगे।

फोटो लेने से किया मना, फिर कर दी पिटाई

उन्होंने आगे बताया कि रिपोर्टर तकी दरयाबी ने जैसे ही तस्वीरें लेनी शुरू कीं, तालिबानियों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। और फोटो लेने से हमें मना कर दिया। उसके बाद उन्होंने हमसे हमारे फोन छीन लिए और हमें गिरफ्तार कर लिया। नकदी ने आगे कहा कि हालांकि वो हमारा कैमरा छीनने में असफल रहे उन्होंने अपना कैमरा भीड़ में किसी को सौंप दिया था। इसके बाद तीन तालिबानियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और थाने ले जाकर पिटाई करनी शुरू कर दी।

नार्वे के दूतावास पर किया कब्जा

तालिबानियों ने काबुल में स्थित नॉर्वे के दूतावास को भी अपने कब्जेय में लेकर ये ऐलान किया कि वो वहाँ से तभी निकलेंगे जब वहाँ पर रखी हुई शराब की सारी बोतलें तोड़ दी जाएंगी। इतना ही नहीं उन्होंने तालिबानी दूतावास के अंदर रखी बच्चोंे की किताबों को भी फाड़ दिया है।
ईरान में नॉर्वे के राजदूत पद पर कार्यरत सिगवाल्‍ड हेग ने बुधवार को ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। बंदूकधारी तालिबानियों के दूतावास के अंदर घुसने की तस्वीररें सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही हैं। इससे पहले अफगानिस्ताान के हेरात शहर पर कब्जेघ के बाद वहाँ गवर्नर हाउस में रखी शराब की बोतलें भी तालिबानियों ने तोड़ दी थीं।

Related Articles

Back to top button