
IRCTC scam case: सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके परिजनों और अन्य को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने नौकरी घोटाला मामले में समन जारी किया।
जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में 10 अक्टूबर, 2022 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी और बेटी समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी और उसके बाद उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी ली गई थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा कि, प्रथम दृष्टया, ऑन-रिकॉर्ड रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध किए गए हैं। आपको बतादें कि अपराधों का संज्ञान लेते हुए, न्यायाधीश ने आरोपी व्यक्तियों को 15 मार्च के लिए तलब किया।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में 2004 से 2009 के दौरान बिहार के विभिन्न निवासियों को “ग्रुप-डी पदों” के विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था।
इसके बाद व्यक्तियों ने स्वयं या उनके परिवारों ने तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों और कंपनी एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी, जिसे बाद में उनके परिवार के सदस्यों ने ले लिया।
यह आरोप लगाया गया है कि सीबीआई ने जोनल रेलवे में नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया था।
IRCTC scam case: कोर्ट का बयान जानें
अदालत ने कहा, “जांच से पता चला है कि उम्मीदवारों को उनकी नियुक्ति के लिए किसी विकल्प की आवश्यकता के बिना विचार किया गया था और उनकी नियुक्ति के लिए कोई अत्यावश्यकता नहीं थी। नियुक्त किए गए सभी अपने काम में लग गए। बाद में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी गई और उन्हें नियमित कर दिया गया।”