
Parliament : सोशल मीडिया पर रेलवे कर्मचारी की हादसे की तस्वीर वायरल हुई। इसी पर सदन में प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन ने सवाल किया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जवाब में कहा कि 1999-2000 में LHB कोच पेश किए गए, जिनमें सेंटर बफर कपलर्स होते हैं, और इनकी कपलिंग बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के होती है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 1960 के दशक में डिजाइन किए गए I CF कोच में स्क्रू कपलिंग और साइड बफर होते थे, जिनमें कोचों को मैन्युअल रूप से जोड़ा जाता था. इसके बाद 1999-2000 में LHB कोच पेश किए गए, जिनमें सेंटर बफर कपलर्स होते हैं, और इनकी कपलिंग बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के होती है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना पूर्व मध्य रेलवे में कर्मचारियों के बीच संचार की गड़बड़ी के कारण घटी, और यह कपलिंग, अनकपलिंग से जुड़ी हुई नहीं थी।
यह है मामला
जानकारी के लिए बता दें कि सोशल मीडिया में रेलवे कर्मचारी की तस्वीर वायरल हुई। यह दर्दनाक हादसे की तस्वीर थी। इसमें दिखाई देता है कि रेलवे कर्मचारी शंटिंग ऑपरेशन कर रहा था। इंजन और कोच के बफर के बीच आ गया था। हालांकि रेवले यूनियन ने बयान में कहा था कि कपलिंग, अनकपलिंग की वजह से हादसा नहीं था। हादसे की वजह कम्युनिकेशन थी।
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