
ग्वालियर में एक किसान को भैंस खरीदने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर करना महंगा पड़ गया। फेसबुक पर किसान ने अशोक शर्मा डेयरी फार्म जयपुर से भैंस ऑर्डर की। 60 हजार रुपए में 14 लीटर दूध देने वाली भैंस मिलने पर किसान काफी खुश था। उसने डील डन कर दी। भैंस के डिलीवरी के चार्जेस ऑनलाइन पेमेंट भी कर दिए। 25 मार्च को भैंस ग्वालियर आनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डेयरी फार्म वाले ने किसान से तीन-चार बार में बहाने बनाकर 87 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी जब भैंस नहीं मिली तो किसान को ठगी का अहसास हुआ। अब मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच के साइबर सेल में की है।ऑनलाइन भैंस खरीदने चला था किसान, मिला धोखा:भैंस मिली नहीं, ठगों ने ऐंठ लिए 87 हजार रुपए, बोले-भैंस का एक्सीडेंट हो गया है
ग्वालियर में एक किसान को भैंस खरीदने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर करना महंगा पड़ गया। फेसबुक पर किसान ने अशोक शर्मा डेयरी फार्म जयपुर से भैंस ऑर्डर की। 60 हजार रुपए में 14 लीटर दूध देने वाली भैंस मिलने पर किसान काफी खुश था। उसने डील डन कर दी। भैंस के डिलीवरी के चार्जेस ऑनलाइन पेमेंट भी कर दिए। 25 मार्च को भैंस ग्वालियर आनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डेयरी फार्म वाले ने किसान से तीन-चार बार में बहाने बनाकर 87 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी जब भैंस नहीं मिली तो किसान को ठगी का अहसास हुआ। अब मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच के साइबर सेल में की है।
मामला ग्वालियर के उटीला गांव की टांकोली पंचायत के निढ़ावली गांव का है। यहां रहने वाले होतम सिंह बघेल पिता मोहन सिंह पेशे से किसान है। 24 मार्च की दोपहर होतम अपने मोबाइल पर फेसबुक चला रहा था। उसने अशोक शर्मा डेयरी फार्म के नाम से जयपुर की संस्था का एड देखा। संस्था के पेज पर क्लिक किया तो उसमें भैंसों के बारे में कई रील थीं। उसे 60 हजार रुपए में लाल बंडा किस्म की एक भैंस पसंद आ गई। रील में एक दिन में 14 लीटर दूध देने वाली भैंस का दावा किया था।
किसान ने तत्काल फेसबुक प्रोफाइल पर लिखे नंबर पर कॉल किया। कॉल अटैंड करने वाले ने खुद को शर्मा डेयरी फार्म जयपुर का ओनर अशोक कुमार शर्मा बताया। अशोक ने किसान को विश्वास दिलाने के लिए अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड की डिटेल वॉटसएप पर भेजी। एक अकाउंट नंबर दिया। अशोक ने भैंस को जयपुर से ग्वालियर पहुंचाने का भाड़ा 4200 रुपए किसान को ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा। किसान को ऑनलाइन पेमेंट करना नहीं आता था, इसलिए वह पास के ही गांव टिहोली पहुंचा। यहां एमपी ऑनलाइन से 24 मार्च की शाम को पहला पेमेंट किया।
25 मार्च को किसान भैंस की डिलीवरी का इंतजार कर रहा था। अशोक शर्मा किसान को कॉल कर कहा कि जिस ट्रक में भैंस निकली है, उसका GPS ट्रैक नहीं हो रहा है। भैंस खरीदी में यह जरूरी प्रक्रिया है। इसके लिए 12500 रुपए ऑनलाइन पेमेंट करना होगा। किसान फिर टिहोली गांव पहुंचा और यहां एमपी ऑनलाइन से 13 हजार रुपए ट्रांसफर किए। किसान को GPS ट्रैकर की समझ नहीं थी। वह इतना अनजान था कि उसे पता नहीं था कि GPS का भैंस की डिलीवरी से कोई लेना-देना नहीं है। वह ठगों के जाल में फंस गया था।