मुख्य सचिव ने की बच्चों से सेवाओं तक परेशानी मुक्त पहुंच के लिए आधार में बायोमेट्रिक्स अपडेट करने की अपील

Punjab : पंजाब के मुख्य सचिव, के.ए.पी. सिन्हा ने आज पंजाब सचिवालय में यूनिक आइडेंटिफिकेशन इम्प्लीमेंटेशन कमेटी (UIDIC) और आधार उपयोग पर एक कार्यशाला की बैठक की अध्यक्षता की। इस सत्र में विभिन्न विभागों के प्रमुखों और निदेशकों ने भाग लिया, जिसमें पंजाब में 0-5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए 100% आधार कवरेज प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया गया।
सिन्हा ने सभी विभागों, जिनमें बैंक और डाक विभाग भी शामिल हैं, को निर्देशित किया कि वे आधार नामांकन किट्स को बिना देर किए सक्रिय करें और उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करें।
स्मति भवना गर्ग, डीडीजी यूआईडीएआई आरओ चंडीगढ़ ने 0-5 वर्ष आयु के बच्चों के आधार नामांकन में सुधार के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने आधार किट्स को टीकाकरण केंद्रों पर तैनात करने और स्वास्थ्य विभाग तथा महिला और बाल विकास विभाग (WCD) के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का सुझाव दिया, ताकि बेहतर कवरेज सुनिश्चित किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, स्मति गर्ग ने स्कूल शिक्षा विभाग से अनुरोध किया कि वे 5 और 15 वर्ष की आयु में बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBUs) की पहचान करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करें। इससे सरकारी योजनाओं, छात्रवृत्तियों और शैक्षिक लाभों का लाभ प्राप्त करना सुगम होगा।
कार्यशाला में यह भी प्रस्तुत किया गया कि आधार आधारित चेहरे की पहचान को सेवा वितरण में सुधार के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। स्मति गर्ग ने विभागों को अपने योजनाओं में चेहरे की पहचान को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि अधिक प्रभावी ढंग से काम किया जा सके।
मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि सभी सरकारी और निजी स्कूलों में आधार सेवा कैंप आयोजित किए जाएं ताकि छात्रों को आसान पहुंच मिल सके। उन्होंने m-Aadhaar ऐप और My-Aadhaar पोर्टल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि नागरिक आसानी से आधार सेवाओं का लाभ उठा सकें।
इसके अलावा, मुख्य सचिव ने स्कूल शिक्षा विभाग से एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया, ताकि माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे ई-सम्पर्क केंद्रों और अन्य सरकारी कार्यालयों में लाभार्थियों का आधार आधारित प्रमाणीकरण सुनिश्चित करें और सभी सरकारी विभागों में आधार आधारित चेहरे की पहचान को लागू करें।
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