UN में खुली इस्लामिक देशों की पोल, पाकिस्तान, कतर…भारतीय मुसलमानों पर हाय-तौबा और उइगर मुस्लिमों पर चुप्पी!
शिंजियांग के उइगर मुस्लिमों के खिलाफ क्रूरता की सारी हदें पार करने वाले चीनी ड्रैगन को संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद में नंगा करने की अमेरिकी कोशिश गुरुवार को नाकाम हो गई। अमेरिकी प्रस्ताव के समर्थन में 17 देश और इसके विरोध में 19 देशों ने वोट डाले। कांटे की इस लड़ाई में 11 देश अनुपस्थित रहे। इस वोटिंग के परिणाम सामने आने के बाद दुनियाभर में मुस्लिम देश निशाने पर आ गए हैं। अमेरिकी प्रस्ताव का विरोध करने वाले देशों में पाकिस्तान, दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम जनसंख्या वाला देश इंडोनेशिया, कजाखस्तान, भारत को ज्ञान देने वाला कतर, संयुक्त अरब अमीरात जैसे मुस्लिम देश शामिल थे। इनमें कई ऐसे देश थे जो अक्सर कश्मीर और भारतीय मुस्लिमों को लेकर जहरीले बयान देते रहते हैं।
अब इन इस्लामिक देशों के दोमुंआपन की सोशल मीडिया में जमकर किरकिरी हो रही है। पाकिस्तान, यूएई, कतर जैसे देशों की चाल से जहां चीन को बहुत बड़ी जीत मिली है, वहीं पश्चिमी देशों को बड़ा झटका लगा है। पश्चिमी देशों का आरोप है कि चीन ने अपने शिंजियांग प्रांत में 10 लाख उइगर मुस्लिमों को कैद करके रखा हुआ है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चीन की क्रूरता पर कई सवाल उठाए गए थे। अमेरिका ने यह भी आरोप लगाया है कि चीन शिंजियांग में जबरन लोगों से काम करा रहा है और नरसंहार कर रहा है।
चीन के राजदूत ने ऐसे दिया बयान
वहीं चीन के राजदूत चेन शू ने एक बयान जारी करके कहा कि इस मुद्दे पर बहस के लिए जोर देना संयुक्त राष्ट्र का चीन के आंतरिक मामले में फायदा उठाना है। उन्होंने कहा, ‘यह मसौदा प्रस्ताव मानवाधिकारों के समर्थन में नहीं है बल्कि राजनीतिक हथकंडे के लिए था। आज चीन को निशाना बनाया गया है, कल किसी और विकासशील देश को निशाना बनाया जा सकता है।’ विशेषज्ञों के मुताबिक यह मतदान सीधे-सीधे चीन बनाम पश्चिमी देशों के प्रभाव से जुड़ा हुआ था। इसमें चीन को बड़ी जीत मिली। विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों ने चीन के प्रभुत्व आगे घुटने टेक दिए।
भारत को मुसलमानों की स्थिति पर ज्ञान देते हैं मुस्लिम देश
ये वही देश हैं जो अक्सर भारत को कश्मीर और मुसलमानों की स्थिति पर ज्ञान देते रहते हैं। पाकिस्तान आए दिन इस्लामिक देशों की संस्था ओआईसी में पहुंचा रहता है और भारत के खिलाफ दबाव डालकर बयान दिलवाता रहता है। उइगर मुस्लिमों के साथ ओआईसी भी नहीं आई। यह वही ओआईसी है जो भारत में मुस्लिमों के मानवाधिकारों को लेकर हाय तौबा मचाती है। चीनी ड्रैगन की आर्थिक और सैन्य ताकत के आगे इन इस्लामिक देशों ने चुप्पी साधने में ही अपनी भलाई समझी। यही वजह है कि इस्लामिक देशों की सोशल मीडिया में कड़ी आलोचना हो रही है। शिंजियांग भारत में ट्विटर पर टॉप 10 में ट्रेंड कर रहा है।