जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष रहेगा जारी : उमर अब्दुल्ला

Share

Jammu and Kashmir : नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर के जनता के अधिकारों की बहाली के लिए संविधान के अनुरूप शांति-पूर्ण तरीके से लड़ाई जारी रखेगी। उमर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिकूल फैसले की स्थिति में भी उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर में शांति भंग नहीं करेगी।

संविधान और कानून की मदद ले रहे हैं

अबदुल्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को फैसला देना है। फैसला देने दीजिए। अगर हमें स्थिति बिगाड़नी होती तो हमने 2019 के बाद ही ऐसा किया होता। हालांकि, हमने तब भी कहा था और अब भी दोहराते हैं कि हमारी लड़ाई शांतिपूर्ण तरीके से संविधान के अनुरूप होगी। हम अपने अधिकारों की रक्षा और अपनी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए संविधान और कानून की मदद ले रहे हैं।

हम लोकतंत्र में आपत्ति नहीं जता सकते?

अब्दुल्ला ने एक पार्टी सम्मेलन में पूछा कि इसमें गलत क्या है? क्या हमें लोकतंत्र में यह कहने का अधिकार नहीं है? क्या हम लोकतंत्र में आपत्ति नहीं जता सकते? अगर दूसरे लोग बात कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं?

अनुच्छेद 370 कर दिया था निरस्त 

न्यायालय को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुनाना है। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

हमें डराया जा रहा है

अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं को शनिवार रात से पुलिस थानों में बुलाया जा रहा है और डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेकां नेताओं पर अंकुश लगाने का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि, वे हमेशा से शांति के समर्थक रहे हैं।

यह भी पढ़ें – Financial Crisis: अर्थशास्त्री जेवियर माइली अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *