Jharkhand: सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज करेंगे शिलान्यास
Jharkhand: 485 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से बनने वाली मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। विधानसभा क्षेत्र के 27 पंचायतों की 1 लाख 11 हजार 174 लोगों को इस योजना से लाभ होगा। वहीं, इस योजना का लक्ष्य 13164 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करना है।
हेमंत सोरेन द्वारा योजना का उद्घाटन
सिकटिया अजय बराज के किसानों के लिए मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना एक बड़ी सौगात है। इस योजना के आधार पर उतरने से कृषकों के दिन सुधरेंगे। विशेषज्ञ भी इसकी बहुत संभावना देख रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सिकटिया में भूमि पूजन करके इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्घाटन किया जाएगा। इसके लिए सभी प्रशासनिक प्रबंध पूरे किए गए हैं। मुख्यमंत्री के साथ संबंधित विभाग के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित होंगे।
कार्यक्रम का जायजा लेंगे हेमंत सोरेन
शिलान्यास समारोह के बाद, विशाल मंच पर मुख्यमंत्री जनता से बातचीत करेंगे। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर दी हैं। यह सुनिश्चित होगा कि डीसी, एसपी, डीडीसी, एसडीओ और एसडीपीओ सहित सभी पदाधिकारियों ने इस मामले में सावधानी से काम किया है। शिलान्यास कार्यक्रम के माध्यम से आनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए सारठ विधानसभा क्षेत्र को जोड़ना भी होगा। मुख्यमंत्री, शिलान्यास के बाद आम जनता को दिए जाने वाले भाषण में सरकार की उपलब्धियों की व्याख्या करेंगे और सारठ विधानसभा की राजनीति को आगामी चुनावों में एक नई दिशा देंगे, क्योंकि उनका लक्ष्य एक बार फिर से सारठ विधानसभा सीट पर कब्जा करना है।
योजना का उद्देश्य
इस 485 करोड़ रुपये की लागत वाली लिफ्ट सिंचाई योजना से देवघर और जामताड़ा जिले के करमाटांड़ प्रखंड के किसानों को फायदा मिलेगा। यह मुख्य रूप से देवघर जिले के सारठ व करौं और जामताड़ा जिले के विद्यासागर और जामताड़ा प्रखंड के कुछ हिस्से को शामिल करता है। इस योजना का उद्देश्य पंप मोटर से भूमिगत पाइप लाइन से सिंचाई सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम को तीन वर्षों में पूरा करना होगा। इससे खरीफ सिंचाई की सुविधा संबंधित प्रखंडों के 27 पंचायतों के 13,164 हेक्टेयर क्षेत्र में मिलेगी। जब अधिक वर्षा होती है, तो खेतों को अधिक पानी की जरूरत नहीं होगी, तो जल को डाइवर्ट करके आसपास के जलाशयों में सुरक्षित रखा जाएगा। तालाबों के माध्यम से मवेशियों सहित ग्रामीणों को जल की आपूर्ति की जा सकेगी।