सोनिया गांधी ने की जनगणना कराए जाने की मांग, कहा-सभी पात्र व्यक्तियों को मिले इसका लाभ

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Delhi : सोनिया गांधी ने राज्यसभा में बोलते हुए देश में जनगणना कराए जाने की मांग की है। सोनिया गांधी ने कहा कि ये इतिहास में पहली बार है जब जनगणना में चार साल से अधिक की देरी हुई है।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने सोमवार को जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग उठाई है। सोनिया ने कहा कि देश में जनगणना इसलिए कराई जाए ताकि सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गारंटीकृत लाभ मिल सके। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विशेषाधिकार नहीं बल्कि नागरिकों का एक मौलिक अधिकार है।

एक ऐतिहासिक पहल था

सोनिया गांधी ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यूपीए सरकार द्वारा पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एक ऐतिहासिक पहल था। इसका उद्देश्य 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना था। सोनिया गांधी ने कहा कि इस कानून ने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई खासकर कोविड 19 महामारी के संकट के दौरान साथ ही इसी अधिनियम ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को आधार प्रदान किया है।

एक दशक से अधिक पुरानी

सोनिया गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मुताबिक 75 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ ही 50 प्रतिशत शहरी आबादी सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की हकदार है। सोनिया ने कहा कि लाभार्थियों के लिए कोटा अब भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है जो अब एक दशक से अधिक पुरानी है।

चार साल से अधिक की देरी हुई

स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में चार साल से अधिक की देरी हुई है। मूल रूप से यह 2021 के लिए निर्धारित थी लेकिन अब भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि जनगणना कब आयोजित की जाएगी। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि बजट आवंटन से पता चला है कि जनगणना इस साल भी आयोजित किए जाने की उम्मीद नहीं है।

उचित लाभों से वंचित

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा इस प्रकार लगभग 14 करोड़ पात्र भारतीयों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत उनके उचित लाभों से वंचित किया जा रहा है। ये जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द जनगणना पूरा करने को प्राथमिकता दे और यह सुनिश्चित करे कि सभी पात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गारंटीकृत लाभ प्राप्त हों।

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