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विश्वभर में Monkeypox का बढ़ा खतरा, WHO ने कहा- ‘वैश्विक स्तर पर फैल सकती है बीमारी’

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विश्वभर में कोरोना महामारी के बीच Monkeypox (मंकीपॉक्स) नाम का एक और खतरनाक वायरस बहुत तेजी से फैलता हुआ दिखाई दे रहा है। बता दें अबतक मंकीपॉक्स वायरस 12 से अधिक देशों में फैल चुका है। हालांकि राहत कि बात ये है की इस वायरस का भारत में अभी तक एक भी केस सामने नहीं आया है। यूरोप के देशों में बढ़ते मंकीपॉक्स के केसों के बीच WHO(विश्व स्वास्थ्य संगठन)  ने एक और खतरनाक वायरस से लोगों को सावधान रहने को कहा है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो यूरोप के 12 देशों में अबतक 92 केस सामने आ चुके है।

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रिपोर्ट की मानें तो इंसानों में Monkeypox (मंकीपॉक्स) का पहला केस वर्ष 1970 में पाया गया था। बता दें यह वायरस आम तौर पर जानवरों में फैलता है लेकिन बाद में जानवरों से इंसानों में फैलने लगता है। फिलहाल सबसे ज्यादा अबतक इस वायरस ने बंदरों को संक्रमित किया है। हालांकि संक्रामक रोगों के विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले 50 वर्षों में मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के बाहर मंकीपॉक्स के केस आजतक नहीं के बराबर ही मिले हैं।

क्या हैं Monkeypox के लक्षण?

Monkeypox (मंकीपॉक्स) वायरस को लेकर WHO(विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इसके कई लक्षणों को बताया है। मंकीपॉक्स वायरस के शुरुआती लक्षणों की बात करें तो इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट होना शामिल हैं। मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के दायरें में आने के चार से पांच दिन बाद लोगों के चेहरे पर दाने दिखाई देने लग जाते हैं। दाने कभी-कभी चिकनपॉक्स के साथ भ्रमित कर देते हैं। लेकिन संक्रमण अधिक गंभीर होता है तो चेहरे और हाथों पर दाने और घाव हो सकते हैं, जो धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों में फैल सकते हैं।

हालांकि डॉक्टर्स के अनुसार फिलहाल घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं हैं। डॉक्टरों की मानें तो इसका संक्रमण का दायरा बिल्कुल ही सीमित है। WHO(विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार चेचक का टीका Monkeypox (मंकीपॉक्स) से लड़ने के लिए फिलहाल कारगार हैं।

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