
Congress Attack On BJP : केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 2025 के लिए 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की, जिनमें 23 महिलाएं और 13 मरणोपरांत पुरस्कार शामिल हैं। हालांकि, इस बार तेलंगाना के किसी व्यक्ति को इन पुरस्कारों में जगह नहीं मिली, जिससे भुवनगिरी संसदीय क्षेत्र के सांसद चामला किरण कुमार रेड्डी ने असंतोष व्यक्त किया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तेलंगाना के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया है।
रेड्डी ने कहा, “तेलंगाना के गठन के दस साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। ऐसा लगता है कि राज्य को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।”
रेड्डी ने भाजपा सांसदों और मंत्रियों पर डाला जिम्मेदारी का दबाव
सांसद रेड्डी ने भाजपा सांसदों और मंत्रियों पर भी जिम्मेदारी का दबाव डाला। उन्होंने कहा, राज्य में आठ भाजपा सांसद और दो कैबिनेट मंत्री हैं, फिर भी किसी को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया। भाजपा को अपनी नीति बदलनी चाहिए और तेलंगाना को उचित मान्यता दिलवानी चाहिए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेलंगाना देश के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक कर योगदान करता है, फिर भी केंद्र सरकार का रवैया राज्य के गौरव और पहचान को कमजोर करने का प्रयास प्रतीत होता है।
यह चलन देश के संघीय ढांचे के लिए खतरनाक
रेड्डी ने सवाल उठाया कि क्या यह उपेक्षा का सिलसिला मुख्यमंत्री केसीआर के कार्यकाल में शुरू हुआ था और क्या यह रेवंत रेड्डी की नई सरकार में भी जारी रहेगाछ। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री की सिफारिशों की अनदेखी करना राज्य की आवाज को दबाने जैसा है। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह देश के संघीय ढांचे के लिए खतरनाक हो सकता है।
तेलंगाना सांस्कृतिक पहचान और कर योगदान के लिहाज से महत्वपूर्ण
तेलंगाना की सांस्कृतिक पहचान और कर योगदान के लिहाज से राज्य महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और यहां सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसके बावजूद, इस बार पद्म पुरस्कारों में राज्य की उपेक्षा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। रेड्डी ने राज्य के भाजपा सांसदों और मंत्रियों से आग्रह किया है कि वे तेलंगाना के गौरव और पहचान को बनाए रखने के लिए अधिक जिम्मेदारी लें।
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