
MP Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की तरफ से अपने प्रत्याशियों के नाम के ऐलान करने के बाद अंतर्कलह शुरू हो चुकी है। जिसको पार्टी शांत कराने में जुटी हुई है। कथित तौर पर कहा जा रहा था कि कपड़ा फाड़ो विवाद के बाद से ही पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके बाद दोनों ही डैमेज कंट्रोल में जुट गए। बीते एक दो दिनों में दिग्विजय सिंह की कुछ सभाएं रद्द हो गई। इसके बाद मनमुटाव की खबरों को और हवा मिल गया। साथ ही इसको लेकर बीजेपी भी हमलावर हो गई है।
MP Election: डैमेज कंट्रोल में जुटे पूर्व सीएम
मनमुटाव की खबरें आने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने खुद ही डैमेज कंट्रोल की कमान संभाल ली है। इस मामले पर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा के प्रादेशिक नेतृत्व में गुटबाजी है। उसे छुपाने के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ मेरे और कमलनाथ के संबंध के बारे में भ्रम फैलाते हैं। मेरे नाम से फर्जी इस्तीफा पत्र छपवा दिया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि खबरें चल रही हैं कि मैंने नाराजगी के कारण झाबुआ और खातेगांव का दौरा रद्द कर दिया है जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि, ‘हां मेरा दौरा था लेकिन पार्टी की मीटिंग के कारण हम वहां नहीं जा सके’। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई गुटबाजी और नाराजगी नहीं है।
सोशल मीडिया पर चल रही ख़बर का किया खंडन
इस बीच सोशल मीडिया पर खबरें वायरल होने लगा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच टिकट बदलने को लेकर खींचतान चल रही है और दिग्विजय सिंह नाराज होकर घर बैठ गए हैं। सोशल मीडिया पर चल रही इन खबरों के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस एक जुट है। साथ ही उन्होंने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि वह बीजेपी के भ्रामक प्रचार के झांसे में न आए।
कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस लड़ रही है चुनाव
गौरतलब है कि एमपी में इस बार कमलनाथ के नेतृत्व में ही कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने सभी 230 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। साथ ही कमलनाथ सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल पड़े हैं। अब चुनाव परिणाम ही बता पाएगा कि पार्टी की रणनीति कितनी कारगर साबित हो पाई।
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