Madhya Pradeshराजनीति

छत्तीसगढ़ और MP चुनाव में कांग्रेस- बीजेपी को टक्कर दे सकते हैं ये गठबंधन

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव शुरू होने वाले है। राजनीतिक दल तारीखों की घोषणा के साथ पार्टियां तैयार में जुटी है। चुनाव से पहले कुछ गठबंधन बन गए। इस बार कुछ अलग होने की उम्मीद है। वहीं तीनों राज्यों में नए राजनीतिक दल की मजबूत एंट्री से मौजूदा राजनीतिक पार्टियों को मुश्किल हो सकती है। बीटीपी, भारतीय आदिवासी पार्टी, आम आदमी पार्टी और भारत राष्ट्र समिति भी हिस्सा लेने वाली है।

ऐसा रहा 2018 का चुनाव

वहीं अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो वहाँ भी भारत राष्ट्र समिति और आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बता दें कि कांग्रेस को 2018 का चुनाव परिणाम दोहराना मुश्किल हो सकता है। 2018 में आदिवासी क्षेत्रों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बस्तर की 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी भी सीएम भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के बीच हुए कथित विवाद को दूर करने की कोशिश कर रही है। ताकि पार्टी ग्रामीण स्तर तक पहुंच बनाए रख सके। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों में से 90 सीटें जीती थी।

नए समीकरण में AAP सबसे आगे

2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच 0.13 प्रतिशत का वोट प्रतिशत का अंतर था। कांग्रेस पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बन गई, जबकि भारतीय जनता पार्टी को सबसे अधिक वोट प्रतिशत मिले। उस चुनाव में कांग्रेस को आदिवासी युवा संगठन जय आदिवासी का भी समर्थन मिला था। पार्टी ने अपने नेताओं को भी टिकट दिए थे। कांग्रेस ने जयस को मालवा-निमाड़ क्षेत्र से अलग कर दिया। लेकिन इस चुनाव में हालात अलग हैं। जयस ने राज्य की 43 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस बार राज्य में आम आदमी पार्टी और गोंडवाना जनतंत्र पार्टी भी मौजूद हैं। ये दोनों पार्टियों, कांग्रेस और भाजपा पर दबाव डाल सकते हैं। राज्य में आम आदमी पार्टी ने पिछले पांच सालों में अपनी स्थिति मजबूत की है। पार्टी ने नगर निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था।

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