
मराठी फिल्म ‘नय वरण भट लोंचा कोन कोंचा’ विवादों से घिर चुकी है। फिल्म में बच्चों के साथ बोल्ड सीन को लेकर मामला आरोपों से घिरा है। फिल्म पिछले महीने रिलीज की गई थी। फिल्म को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने कड़ी आपत्ति जताई। इसके साथ महाराष्ट्र की दो संस्थाओं ने कोर्ट में मुकदमा कर दिया। फिल्म के निर्दशक महेश मांजरेकर ने कहा कि उन्होंने फिल्म को सेंसर से पास करवा लिया है। महेश मांजरेकर, नरेंद्र, श्रेयंस हीरावत और एनएच स्टूडियोज के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया है। POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) कोर्ट में भी इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की अर्जी दी गई है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है। बच्चों के पेरेंट्स के ऊपर भी सवाल उठ रहे हैं।
फिल्म की कहानी
फिल्म तीन दशक पहले की थीम पर बेस्ड है। इस फिल्म में मिल मजदूरों के परिवार और उनके तकलीफों का चित्रण किया गया है। हड़ताल की वजह से कैसे समाज में लोगों की मानसिक चेतना का पतन होता है ये फिल्म में बोल्ड कंटेट के जरिए बताया गया है।