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सामूहिक हत्याकांड के आरोप में 12 साल कैद की सजा काट कर आया बाहर, दहशत में गांव

UP Crime News: 12 साल से भाई-भाभी और चार मासूम भतीजों की हत्या के इल्जाम में जेल में बंद गंभीर सिंह बाहर आ गया है। लेकिन, उसके गांव न पहुंचने से मुकदमा दर्ज कराने वाले महावीर का परिवार डरा हुआ है। गंभीर सिंह के कुछ पता न चलने पर पुलिस ने गांवों में गश्त करना शुरू कर दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने किया बरी

सामूहिक हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गंभीर सिंह को बरी कर दिया था। जिसके बाद वो कहां गया किसी को नहीं पता। गांव तरकिया निवासी सत्यभान, उसकी पत्नी पुष्पा सहित चार बच्चों की 9 मई 2012 को सामूहिक हत्या की गई थी। इस हत्या कांड के खुलासे में पुलिस ने गंभीर सिंह, उसकी बहन गायत्री और दोस्त को जेल भेजा था। स्थानीय अदालत में गंभीर सिंह को फांसी की सजा सुनाने के बाद हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा था। लेकिन पुलिस के छोस सबूत पेश न कर पाने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने दो उसे बरी कर दिया था।

मुझे सामूहिक हत्याकांड में गलत फंसाया

गंभीर सिंह को बुधवार सुबह 9 बजे रिहा कर दिया गया था। जेल से बाहर आते उसने एक ही बात कही कि मुझे सामूहिक हत्याकांड में गलत फंसाया गया था। सत्यभान ने एक दिन गंभीर सिंह को फोन करके कहा कि जल्दी गांव पहुंचो, झगड़ा हो गया है। सत्यभान ने उसे हत्याकांड से एक दिन पहले एक हजार रुपये दिए और बहन को ससुराल छोड़ कर आने के लिए कहा। वह बहन को लेकर गांव से चला गया, ईदगाह स्टेशन पर खड़ा था। तभी पुलिस ने आकर उसे भाई और भाभी सहित बच्चों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया था।

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