
Sankalp Rath Yatra: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी अपनी संकल्प रथ यात्रा के क्रम में यूपी के आजमगढ़ पहुंचे। यहां पहुंचने पर निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा का जोरदार और भव्य तरीके से स्वागत किया गया। पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मोटरसाइकिल और चारपहिया वाहन के साथ यात्रा में शामिल हुए।
शांति चौक अतरौलिया से शुरू हुई संकल्प रथ यात्रा
इस यात्रा के दौरान संकल्प रथ पर सवार सहनी आजमगढ़ में जिस पड़ाव पर पहुंचे, वहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे। बुधवार को संकल्प यात्रा की शुरुआत शांति चौक, अतरौलिया से हुई। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा पहुंचे थे। वाहन जनसभा को संबोधित करते हुए सहनी ने कर्मठ और पहाड़ को काट कर रास्ता बनाने के लिए चर्चित ‘पर्वत पुरुष’ दशरथ मांझी को याद करते हुए जोशीले अंदाज में कहा कि भाजपा अगर पहाड़ है, तो हम निषाद हैं।
Sankalp Rath Yatra: हम अपना अधिकार लेकर रहेंगे- सहनी
उन्होंने कहा कि बिना तोड़े, छोड़ेंगे नहीं। हम अपने अधिकार लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हम अपना अधिकार लेकर रहेंगे। सहनी ने कहा कि वह दिन चला गया जब राजा के घर में ही राजा पैदा होता था अब जिसके पास वोट है, वही पीएम और सीएम बनेगा।
‘निषाद मेरे लिए जाति नहीं, मेरा परिवार’
उन्होंने कहा, बिहार में हुई जातीय गणना की रिपोर्ट जारी हुई है। लोगों से अपील की कि बस अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है। निषाद मेरे लिए जाति नहीं मेरा परिवार हैं और परिवार की बात करना अगर अपराध तो यह अपराध मैं बार- बार करूंगा। लोगों को बेहतर भविष्य, अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष करने के लिए सहनी ने हाथों में गंगा जल देकर संकल्प भी करवाया।
‘यूपी, बिहार और झारखंड में आरक्षण के लिए करना पड़ रहा है संघर्ष’
उन्होंने कहा कि कई अन्य राज्यों में निषाद को आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन आज बिहार, यूपी और झारखंड में इस आरक्षण को लेकर हमलोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने लोगों को लालू प्रसाद, रामविलास पासवान, मुलायम सिंह यादव और मायावती का उदाहरण देते हुए पार्टी को मजबूत करने की अपील की। इसके बाद यह यात्रा देउरपुर, कोलहटा, महाराजगंज होते हुए कप्तानगंज पहुंची।
Sankalp Rath Yatra: ‘जो हमारी नहीं सुनेगा, हम उसकी नहीं सुनेंगे’
सहनी ने उपस्थित लोगों को संदेश देते हुए कहा कि जो हमारी सुनेगा उसकी हम सुनेंगे और जो हमारी नहीं सुनेगा उसकी हम भी नहीं सुनेंगे। उन्होंने यूपी की धरती से केंद्र सरकार को साफ लहजे में संदेश दिया कि आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं। गठबंधन नहीं तो वोट नहीं और वोट नहीं तो दिल्ली की सरकार भी नहीं।
रिपोर्टः सुजीत कुमार, ब्यूरोचीफ, बिहार
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