महिलाओं पर पं. धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयान, बोले- ‘सिंदूर और मंगलसूत्र न दिखे तो प्लाट खाली है।’

बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री को आज कौन नहीं जानता। वह आये दिन अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं, लेकिन इस बार बाबा ने ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर वह आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल धीरेंद्र शास्त्री अपने प्रवचन के दौरान महिलाओं के सिंदूर को लेकर एक बयान दिया हैं। प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि, ‘किसी स्त्री की शादी हो गई हो तो उसकी दो पहचान होती है- मांग का सिंदूर, गले में मंगलसूत्र। अच्छा, मान लो मांग का सिंदूर न भरा हो, गले में मंगलसूत्र न हो तो हम लोग क्या समझते हैं कि भाई ये प्लॉट अभी खाली है। इस वीडियो में बागेश्वर बाबा आगे कहते हैं और मांग का सिंदूर भर गया हो, गले में मंगलसूत्र लटक गया हो तो हम लोग दूर से ही देखकर समझ जाते हैं कि रजिस्ट्री हो गई है।’ वैसे इस वीडियो में दिखाई देता है कि प्रवचन सुन रही कई महिलाएं तालियां बजाकर खिलाखिलाकर हंस पड़ती है लेकिन अब कुछ हिंदू महिलाओ ने इस पर आपत्ति जता रही हैं। वहीं उनके इस बयान पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताई है। सपा नेता ने ट्वीट कर कहा कि बाबा का यह घटिया बयान देश की समस्त महिलाओ का घोर अपमान है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ट्वीट करते हुए करते हुए लिखा है, ये बागेश्वर वाले बाबा हैं या लखैरा, टपोरी, लम्पटाचार्य? जो महिलाओं के प्रति इतनी ओछी और गन्दी भाषा का प्रयोग करते हुए कहता है कि “जिस महिला की मांग में सिंदूर लगा हो और गले में मंगलसूत्र लटक रहा हो तो हम समझते है कि इसकी रजिस्ट्री हो चुकी है। जिस महिला की मांग में सिंदूर न लगा हो और गले में मंगलसूत्र न बंधा हो तो हम सोचते है कि ये प्लाट खाली है। बाबा का यह घटिया बयान देश की समस्त महिलाओ का घोर अपमान है, इसकी कड़ी निंदा करता हूँ तथा इस बयान पर साधु-संतो, मठाधीशों-धर्माचार्यों व पंडे-पुजारियों की चुप्पी और भी निंदनीय है। जिनकी जुबान पर अभी तक ताला लगा हुआ है, महिलाओ के सम्मान में बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। क्या साधु-संतो का यही चरित्र है?
तो वही कई लोगों ने ट्विटर पर बाबा के इस वीडियो के साथ लिखा है कि ऐसी बातें करने वाले न तो संत हो सकते हैं और ना ही कथावाचक। कई महिलाओं ने बाबा के इस बयान पर गुस्सा जाहिर किया है। आपको बतादें वीडियो के एक हिस्से में बाबा ये भी कहते हुए सुने जाते हैं कि, ‘डॉग दो प्रकार के होते हैं- एक होता है पालतू, दूसरा होता है फालतू। पालतू के गले में पट्टा होता है उसी प्रकार जो राम जी का पालतू हो जाता है उसके गले में कंठी-माला होती है।’
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