अजब-गजब : भूत ने दिया बयान, पुलिस ने दर्ज की FIR और दाखिल कर दी चार्जशीट, जानें पूरा मामला…
Prayagraj News : भूत-प्रेत अंधविश्वास की बात है. अक्सर समझदार लोग अपने बच्चों को यही समझाते हैं. लेकिन क्या हो जब एक समझदार व्यक्ति ही ऐसा कारनामा कर दे कि जिसे सुन हर कोई अवाक रह जाए. वो भूत से बात करे और उसका बयान भी दर्ज करे. ऐसा ही एक मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पुलिस की कारगुजारी का सामने आया है. मामले में मरने के तीन साल बाद मृत व्यक्ति कुशीनगर के शब्दप्रकाश के भूत ने एफआईआर दर्ज करवाई. कमाल की बात तो यह कि पुलिस विवेचना अधिकारी ने भूत के बयान पर FIR दर्ज भी की और चार्जशीट भी दाखिल कर दी।
तीन साल पहले मरे आदमी का बयान दर्ज कर लिया
इतना ही नहीं भूत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में 19 दिसंबर 23 को वकालतनामा पर भी हस्ताक्षर करके दिए। इस अनोखे मामले के प्रकाश में आने के बाद जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी आश्चर्य में पड़ गए और कहा कि केस के तथ्य से वह अवाक हैं। बेंच ने कहा कि किस तरह पुलिस अपराध की विवेचना करती है कि पुलिस ने तीन साल पहले मरे आदमी का बयान दर्ज कर लिया। कोर्ट ने एसपी कुशीनगर को निर्देश दिया कि भूत निर्दोष को परेशान कर रहा है, विवेचना अधिकारी को अपना बयान दर्ज करा रहा है ऐसे विवेचना अधिकारी की जांच कर रिपोर्ट पेश करें। साथ ही याची पुरूषोत्तम सिंह व चार अन्य के खिलाफ आपराधिक केस में कार्यवाही को रद्द कर दिया है।
‘वकील को भविष्य में सावधानी बरतने की सीख दें’
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ममता देवी ने अधिवक्ता विमल कुमार पाण्डेय को मृत व्यक्ति का वकालतनामा हस्ताक्षरित करके दिया है। कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा है कि वकील को भविष्य में सावधानी बरतने की सीख दें। शिकायतकर्ता शब्दप्रकाश की मौत 19 दिसंबर 2011 को हो गई थी जिसका समर्थन सीजेएम कुशीनगर की रिपोर्ट में भी किया गया है। उन्होंने मृतक की पत्नी के बयान व मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर रिपोर्ट दी।
मामले के अनुसार मृत व्यक्ति के भूत ने 2014 में कुशीनगर के कोतवाली हाता में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने 23 नवंबर 14 को चार्जशीट दाखिल कर दी और भूत को अभियोजन गवाह नामित कर दिया। याचिका में केस कार्यवाही की वैधता को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने कहा कि वो इस बात पर अवाक है कि जांच अधिकारी द्वारा मृत व्यक्ति का बयान दर्ज करके किस प्रकार जांच की गई, इसलिए न केवल थाना कोतवाली हाटा, जिला कुशीनगर में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 1028/2014 की आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 की कार्यवाही को रद्द किया जाता है बल्कि यह निर्देश दिया जाता है कि एसपी कुशीनगर वर्तमान मामले के तथ्यों पर ध्यान देंगे कि एक भूत कैसे एफआईआर दर्ज करके अपना बयान देकर निर्दोष व्यक्ति को परेशान कर रहा है और संबंधित विवेचना अधिकारी के खिलाफ जांच करेंगे और इस मामले को रिकॉर्ड में रखा जाएगा।
रिपोर्टः सौरभ मिश्रा, संवाददाता, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश
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