दरकता जोशीमठ हालत विकट, इमारत को गिराने में अब होगा इन उपकरणों का इस्तेमाल
जोशीमठ की दरकती दीवारों ने लोंगो की जिंदगी में अंधेरा कर दिया है। टूटती दीवारें लोंगो के बहते हुए आंसू काफी पीड़ादायक हैं। निवासियों का रो रोकर बुरा हाल है। लोंगो ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि एक एक पाई जोड़कर उन्होनें घर बनाया, लोन लेकर घर बनाया,बचपन बिताया जिस घर में उस घर को ऐसे देखते हुए लोंगो के लिए काफी कठिन हो रहा है।
बता दें जोशीमठ में भूमि के धंसाव के चलते 723 मकानों में दरारें आ गई हैं जिसमें से 678 ऐसे मकान हैं जिनको असुरक्षित घोषित कर दिया गया और उन पर क्रॉस का मार्क लगा दिया गया और 2 होटलों को भी असुरक्षित घोषित किया गया और उन पर क्रॉस का लाल निशान लगा दिया गया। जिनके मकान को गिराया जाना है उन सभी परिवारों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है।
इन चिन्हित मकानों को कल ही गिराया जाना था बुलडोजर भी पहुंच चुके थे लेकिन कल जिला प्रशासन ने जायजा लिया और सभी लोंगो को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम में कल मकानों को नहीं गिराया गया तो आज बताया जा रहा है कि प्रशासन होटलों की इमारत गिराने में बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं करेगा। होटलों की इमारतों पर भारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं होगा, ताकि किसी तरह के कोई झटके न लगें। होटल गिराने का काम हथौड़े, ड्रिल मशीन और अन्य ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल कर किया जाएगा।
वो कहते हैं ना कि अगर कुदरत के साथ छेड़छाड करने की कोशिश करोगे तो कुदरत भी अपना कहर बरपाती है। जोशीमठ में आज सुबह से मौसम काफी खराब है। घने बादल छाए हुए हैं। एक तरफ तो लोंगो के लिए अपने घर टूटे जाने का डर तो दूसरी तरफ मौसम का कहर भारी बर्फबारी के चलते लोंगो के और दिक्कतें हो रही हैं और बारिश होने की भी पूरी आशंका है अगर ऐसा होता है तो बारिश की नमी की वजह से जोशीमठ की दीवारें और दरक सकती हैं