
ipc law change
बुधवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कानूनों(ipc law change) में बदलाव लाने वाले भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में चर्चा की है। इसी चर्चा के दौरान उन्होनें कहा कि पुराने कानून तत्कालीन कानून विदेशी शासकों द्वारा अपना वर्चस्व बनाए रखने में मदद के लिए बनाए गए थे।
इटली का उदहारण देते हुए बोले गृह मंत्री
लोकसभा में बिल पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब पीएम मोदी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं। 150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है। इसी दौरान उन्होनें इटली का तर्क देते हुए कहा कि कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा। लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा
नए बिल में होंगे बदलाव
गृह मंत्री द्वारा पेश किए गए इस बिल को लेकर उन्होनें इन कानून में हो रहे बदलाव की जानकारी दी। ऐसे में यह सवाल सामने आता है कि आखिर किन बदलाव को लेकर चर्चा की जा रही है। बता दें कि इन नए कानून के अनुसार गैंगरेप में 20 साल की सजा और नाबालिक से दुष्कर्म पर मौत या आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसी के साथ मॉब लिन्चिंग जैसी घटनाओं में भी इन कानून के अनुसार जीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक का प्रावधान है। वहीं हिट एंड रन केस की बात की जाए तो ऐसे मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान होगा। यदि कोई भी मुजरिम 30 दिन के भीतर गुनाह कबूलने पर राहत भी मिलेगी।
किसी भी कानून में ताकत नहीं थी
आतंकवादियों के मामले पर गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है। जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए। अपनी इस बात को आगे रखते हुए उन्होनें कहा कि यह अंग्रेज का शासन नहीं है। यह कांग्रेस का शासन नहीं है। यह भाजपा और नरेंद्र मोदी का शासन है। यहां आतंकवादियों को बचाने के लिए कोई भी दलील काम नहीं आने वाली है।
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