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इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर राजेंद्र चौधरी ने देश के लिए बुरा समय बताया, सीएम योगी ने संघर्ष करने वालों को नमन किया

50 Years of Emergency : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने इमरजेंसी को याद करते हुए उसे देश के लिए बुरा समय बताया. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि आज भी देश के हालात इमरजेंसी से मिलते जुलते ही हैं.

देश में आपातकाल के आज 50 साल हो गए हैं. 25 जून को इमरजेंसी लागू हुई थी. इस पर सपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी का बयान सामने आया है. उन्होंने आपातकाल को देश के लिए बेहद गंभीर समय बताया और कहा कि आज के हालात भी मिलते-जुलते हैं. आज भी देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है. जहां अगर कोई सरकार के खिलाफ बोलता है तो उसके खिलाफ मुकदमे लगा दिए जाते हैं.

देश में जब आपातकाल लगाया गया तो उसके बाद संघर्ष किया गया

राजेंद्र चौधरी ने इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि जब देश में आपातकाल लगाया गया, तो उसके बाद जो संघर्ष हुआ, वह एक नए स्वतंत्रता संग्राम के रूप में उभरा. मैं उस समय एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय था और मैंने उस संघर्स को नजदीक से देखा था. देश की स्थिति उस समय गंभीर थी. उस दौर में न तो कोई बोल सकता था और न कोई लिख सकता था. प्रेस की स्वतंत्रता पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था.

आज के हालात भी इमरजेंसी के हालात से मिलते-जुलते : राजेंद्र चौधरी

सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि आज के हालात भी इमरजेंसी के हालात से मिलते-जुलते हैं. देष में आज अघोषित आपातकाल है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नही हैं. जो सख्स सरकार के खिलाफ बोलता है उसके खिलाफ केस कर दिए जाते हैं झूठे मुकदमे चलाए जाते हैं और उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है. आज भी सच्ची राजनीतिक स्वतंत्रता का अभाव है. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान स्थापित मूल्यों और भारत की स्वतंत्रता के उद्देश्य की अवहेलना की जाती है.

इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर प्रतिक्रिया दी

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने आपातकाल को देश के लिए काला दिन बताते हुए उन सभी लोगों को नमन किया जिन्होंने देश में लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष किया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा 25 जून, 1975 भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस था. इसी दिन कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों का गला घोंटने का कुत्सित कार्य किया था. देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हेतु संघर्ष करने वाले सभी महान लोकतंत्र सेनानियों को कोटिशः नमन!’

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