Uttar Pradesh

सपा नेताओं के बयानों पर मायावती ने दी प्रतिक्रिया, कहा- अपने महापुरुषों की अच्छाईयों के बारे में बताएं

UP News : बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि दलितों को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के सन्तों गुरुओं और महापुरुषों की अच्छाईयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह ज्यादा उचित होगा।

समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयानों पर बसपा प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। बीते दिनों सपा सांसद रामजीलाल सुमन और इंद्रजीत सरोज द्वारा दिए गए बयानों पर जमकर विवाद हुआ था। तब कई सपा नेताओं ने भी सांसद रामजीलाल सुमन के बयानों का विरोध किया था। अब बसपा प्रमुख मायावती ने भी इन नेताओं के बयान पर विरोध किया है।

स्वार्थ की राजनीति ही प्रतीत होती है

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा विदित है कि अन्य पार्टियों की तरह आएदिन सपा द्वारा भी पार्टी के खासकर दलित लोगों को आगे करके तनाव व हिंसा का माहौल पैदा करने वाले आ रहे इनके विवादित बयानबाजी आरोप-प्रत्यारोप व कार्यक्रम आदि का जो दौर चल रहा है यह इनकी घोर संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति ही प्रतीत होती है।

राजनीतिक हथकण्डों का शिकार होने से बचना चाहिए

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा- क्योंकि सपा भी दलितों के वोटों के स्वार्थ की खातिर यहाँ किसी भी हद तक जा सकती है। अत दलितों के साथ-साथ अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज आदि को भी इनके किसी भी उग्र बहकावे में नहीं आकर इन्हें इस पार्टी के भी राजनीतिक हथकण्डों का शिकार होने से बचना चाहिए।

संघर्ष के बारे में बताएं तो उचित होगा

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा ऐसी पार्टियों से जुड़े अवसरवादी दलितों को दूसरों के इतिहास पर टीका-टिप्पणी करने की बजाय यदि वे अपने समाज के सन्तों गुरुओं व महापुरुषों की अच्छाईयों एवं उनके संघर्ष के बारे में बताएं तो यह उचित होगा जिनके कारण ये लोग किसी लायक बने हैं।

आपत्तिजनक टिप्पणी की थी

आपको बता दें कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने अपने बयान में कहा था कि गड़े मुर्दे मत उखाड़ो भारी पड़ेगा। अगर तुम ये कहोगे कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर है तो फिर हमे भी यह कहना पड़ेगा कि हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ है। वहीं सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने हिन्दू-देवी देवताओं और मंदिरों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

बाबा खुद भी विराजमान है

इंद्रजीत सरोज ने अपने बयान में कहा था कि जब मुस्लिम आक्रांता यहां लूटपाट कर रहे थे हमारे देवी-देवता क्या करते रहे वो उन्हें श्राप दे सकते हैं। इसका मतलब है कि उनमें कुछ कमी है। हमारे देवी देवता उतने ताकतवर नहीं थे। राम का नारा लगाने से कुछ नहीं होने वाला है। ताकत तो सत्ता के मंदिर में है। यहां बाबा खुद भी विराजमान है।

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