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दोषी नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध की मांग वाली याचिका का सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने किया विरोध

Central government Affidavit : आज आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने वाले राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने विरोध किया है। इस मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार ने कहा कि अयोग्यता लागू करना पूरी तरह से संसद के अधिकार क्षेत्र में है।

केंद्र ने कहा कि याचिका में यही मांग की गई है, जो कानून को फिर से लिखने या संसद को एक विशेष तरीके से कानून बनाने का निर्देश देने के समान है, जो न्यायिक समीक्षा की शक्तियों से पूरी तरह बाहर है। ये सवाल कि क्या आजीवन प्रतिबंध उचित होगा या नहीं, ये पूरी तरह से संसद के अधिकार क्षेत्र में है।

‘न्यायिक समीक्षा की रूपरेखा में उचित परिवर्तन…’

केंद्र सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दों के व्यापक प्रभाव हैं और वे स्पष्ट रूप से संसद की विधायी नीति के अंतर्गत आते हैं तथा इस संबंध में न्यायिक समीक्षा की रूपरेखा में उचित परिवर्तन किया जाएगा। हलफनामा में है कि शीर्ष अदालत ने लगातार कहा था कि एक विकल्प या दूसरे विकल्प पर विधायी विकल्प पर अदालत में सवाल नहीं उठाया जा सकता है।

सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता की प्रार्थना कानून को फिर से लिखने या संसद को किसी विशेष तरीके से कानून बनाने का निर्देश देने के समान है, जो न्यायिक समीक्षा की शक्तियों से पूरी तरह बाहर है। यह सामान्य कानून है कि न्यायालय संसद को कानून बनाने या किसी विशेष तरीके से कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकता है।

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