
fixed line in india: भारत के दूरसंचार में फिक्स्ड लाइन फोन नंबरों की कमी है। इसी को लेकर सरकार ने दो विकल्प को तैयार किया है। सरकार ने परार्मश पत्र को गुरूवार को जारी किया है। सरकार ऑपरेटरों को वित्तीय दंड देने के बारे में विचार कर रही है। जो ऑपरेटर नंबरों को जमा कर रहे हैं।
आपको बता दें कि सरकार ने दो विकल्प दिए हैं। अगर नंबरों को जमा किया जाएगा तो ऑपरेटरों को दंडित किया जाएगा। उन ऑपरेटरों को वित्तीय रूप से दंडित किए जाएंगे। ऐसा विकल्प रखा गया है। भारत के दूरसंचार में फिक्स्ड लाइन फोन नंबर की कमी है। जिसकी कमी से भारत जूझ रहा है। परार्मश पत्र गुरूवार को जारी हुआ है। सरकार ने दो विकल्व पेश किए हैं।
पहले विकल्प की बात करें तो ऑपरेटर्स नंबर जमा करेंगे तो उन पर वित्तीय दंड दिया जा सकता है। ऐसा करने के बारे में सोचा जा रहा है। दूसरे विकल्प की बत करें तो फिक्स्ड लाइनों ओर मोबाइल फोन के लिए 10 अंक नंबरों को लागू कर सकती है। इस बारे में भी विचार किया जा रहा है। दरअसल दूरसंचार में भारत में फिक्सड लाइन के कारण नंबरों की कमी आई है। अर इसके उपयोग की बात करें तो अभी 2.74 ही चल रहे हैं। इसका मतलब है कि 3.34 करोड़ के आस – पास नहीं चल रहे हैं। ऑपरेटरों को 6.28 करोड़ के आस – पास बांटा गया है। यह आंकड़ा फिक्स्ड लाइन नंबरों का है।
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