
Ramayana: उत्तराखंड के मदरसों में भी अब रामायण (Ramayana) पढ़ाई जाएगी। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि बोर्ड के तहत 117 मदरसों में बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाएगी और रामायण भी पढ़ाई जाएगी ताकि बच्चे अपनी संस्कृति से जुड़ सकें। उनको अपने इतिहास की जानकारी रहे। ये बच्चे भी संस्कृत के साथ साथ वेद पुराण और रामायण के बारे में भी जान सके।
उत्तराखंड के मदरसों में बच्चों को संस्कृत पढ़ाने की पहले भी चर्चा हुई थी, लेकिन मुस्लिम मौलानाओं ने इसका विरोध किया था। लेकिन अब इस मामले में एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा गया है कि मदरसों में Ramayana पढ़ाई जाएगी । मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि 117 मदरसों में बच्चों को रामायण भी पढ़ाई जाएगी ।
विशेष शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे
मदरसों में बच्चों को रामायण पढ़ाने के लिए विशेष शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे, जो किताबों के माध्यम से श्री राम के चरित्र से बच्चों को परिचित कराएंगे। मदरसों में अब से संस्कृत भी पढ़ाई जाएगी, शादाब शम्स ने पहले कहा था, लेकिन मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष समूह काजमी ने कहा कि बच्चों को वेदों का ज्ञान भी दिया जाएगा। हालांकि इन बयानों को बहुत विरोध मिला था, अब बोर्ड की ओर से रामायण पढ़ाने की चर्चा भी शुरू हो गई है।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि उत्तराखंड में मदरसों में रामायण पढ़ाने से बच्चों को अपनी संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। श्री राम के चरित्र को भी जानने का अवसर मिलेगा। शादाब शम्स के इस बयान से राजनीति भी गरमा गई है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के इस फैसले के बाद विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, लेकिन बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि मदरसों को रामायण पढ़ाना अनिवार्य है, चाहे वे यहां पढ़ें या नहीं। इसके बावजूद, इस निर्णय को लागू करने से रोका नहीं जा सकेगा।
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