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आजाद भारत के पहले वोटर सरन नेगी ने 106 की उम्र में ली अंतिम सांस, 2 नवंबर को डाला था आखिरी वोट

भारत के पहले मतदाता होने का गौरव रखने वाले किन्नौर के श्याम सरन नेगी का निधन हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि मौत से दो दिन दिन पहले वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान करके गए। उनका वोट लेने के लिए चुनाव आयोग की ओर से खास इंतजाम किए गए थे। उन्हें लाल कालीन पर लाया गया था और पूरे सम्मान के साथ वोट लिया गया था। बुजुर्ग होने के चलते मतदान टीम उनके घर पहुंची थी और पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की तारीख से पहले ही वोट लिया था। श्याम सरन नेगी ने देश के पहले आम चुनाव में पहला वोट डाला था और तब से वह कभी भी वोट डालने का मौका नहीं चूके थे।

श्याम सरन नेगी की उम्र 106 साल थी और वह कभी मतदान का मौका नहीं चूकते थे। 2 नवंबर को ही श्याम सरन नेगी ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए मतदान किया था। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। किन्नौर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर आबिद हुसैन ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से श्याम सरन नेगी के अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं। उन्हें पूरे सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी और इसके लिए बैंड का भी इंतजाम किया गया है। श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई, 1917 को हुआ था। वह किन्नौर के ही कल्पा में अध्यापक के तौर पर कार्यरत थे।

श्याम नेगी को कैसे मिला देश के पहले वोटर का दर्जा

भारत में ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद जब 1951 में पहली बार आम चुनाव कराए गए थे तो श्याम सरन नेगी पहले शख्स थे, जिन्होंने मतदान किया था। वह 25 अक्टूबर, 1951 को लाइन में लगकर मतदान करने वाले पहले शख्स थे। तब आम चुनाव फरवरी 1952 में हुए थे, लेकिन हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के चलते 5 महीने पहले ही मतदान करा लिया गया था।

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