ललितपुर में सभागार में जनुप्रतिनिधियों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ रविवार को मुख्यमंत्री ने बैठक आयोजित की। उसमें कुछ नेताओं द्वारा अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया कि अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। नेता के मुताबिक, जनता से जुड़े विभागों के कई अधिकारी जमकर घूसखोरी कर रहे हैं इससे पार्टी की छवि खराब होती है। इसी पर सीएम योगी भड़क गए और नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले अपनी दलाली बंद करो, अफसरों को तो वो सुधार देंगे।
सीएम के सख्त तेवर देख एक पल के लिए बैठक में सब सन्न रह गए। मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, एमएलसी, जिलाध्यक्ष का कोर ग्रुप बनाते हुए कहा कि पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपनी शिकायतें कोर ग्रुप के माध्यम से उनके पास भेजें। शिकायतों का समाधान वह कराएंगे।
करीब आधा घंटे तक चली बैठक में सीएम योगी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहकर काम करने की नसीहत दी। दरअसल बैठक में पार्टी की एक नेता ने कहा कि अफसरों के भ्रष्टाचार करने से पार्टी की साख खराब हो रही है। जनता से जुड़े विभागों में अफसर जमकर वसूली कर रहे हैं। इस दौरान जिले में बढ़ते अपराधों को लेकर भी नेताओं ने सीएम को पीड़ा बताई। वहीं, नगर पालिकाध्यक्ष ने शहर में विकास कार्यों में हो रही दिक्कतों को उठाया। उन्होंने अधिशासी अधिकारी पर सहयोग न करने का आरोप लगाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद देखेंगे।
सीएम ने विकास कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण
इससे पहले सीएम ने रविवार को ललितपुर में विकास से जुड़ी कई निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया था। यहां के कचरौंदा बांध के साथ ही उन्होंने जल जीवन मिशन परियोजना का निरीक्षण किया। इस प्रोजेक्ट से 62 गांव के 1.45 लाख ग्रामीणों को नल से पेयजल मिलेगा। इस परियोजना का कार्य 174 करोड़ की लागत से हो है। जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार जमीनी स्तर पर तेजी से काम कर रही है। भूगर्भ जल को संजोने के लिए जहां गांव गांव में तेजी से तलाबों का जीणोद्धार और निर्माण किया जा रहा है वहीं योगी सरकार प्रदेश में तेजी से नए कूप, नए बांधों का निर्माण करा रही है।
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