Explainer: जानें क्या है कैश फॉर क्वेरी मामला, अब आगे क्या विकल्प होंगे महुआ मोइत्रा के पास ?
Explainer:शुक्रवार 8 दिसंबर को TMC सासंद महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सांसदी रद्द कर दी गई है। इसे लेकर एथिक्स कमेटी ने आज ही अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई थी। वहीं सासंदी रद्द होने के बाद से ही यह मामला तूल पकड़ते हुए दिखाई दे रहा है। ऐसे में सवाल यह सामने आता है कि आखिर उनके खिलाफ किन आरोपों(Explainer) के तहत सासंदी को रद्द कर दिया गया है। और आखिर क्या है यह पूरा मामला?
सांसद पर लगे हैं गंभीर आरोप
दरअसल टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कुछ समय पहले यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने इंडस्ट्रियलिस्ट दर्शन हीरानंदानी से अपने संसद लॉगिन के बदले कैश और उपहार लिए थे।उनके इस लॉगिन का इस्तेमाल हीरानंदानी ने गौतम अडानी और अडानी ग्रुप के खिलाफ सवाल पोस्ट करने के लिए किया था।
इस मामले पर सबसे पहली शिकायत एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई द्वारा की गई थी। बता दें कि इस शिकायत को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर के सामने रखी थी। जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था। हालांकि बाद में सांसद निशिकांत दुबे ने छताछ करने के बाद मुद्दे को एथिक्स कमेटी के पास भेजा था।
इसी के चलते आज शुक्रवार को एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार ही महुआ मोइत्रा की सांसदी को रद्द कर दिया गया है। अब इस मामले पर तमाम विपक्षी दल के बड़े नेता इस मामले पर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
अब क्या विकल्प होंगे सांसद के सामने
सांसदी रद्द हो जाने के बाद अब सवाल यह सामने आता है कि आखिर अब महुआ मोइत्रा के पास कौन से वो विकल्प हैं जिनका चयन करते हुए वह आगे की ओर बढ़ सकती हैं। बता दें कि संसद से निष्कासित हुआ कोई भी सदस्य इस फैसले को अदालत में चुनौती दे सकता है। लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य के अनुसार अगर पूरी प्रक्रिया में समिति की ओर से कुछ अवैधता या असंवैधानिकता है या प्राकृतित न्याय को परे रखा गया है तो वह फैसले को चुनौती दे सकती हैं। लेकिन अगर ऐसा कुछ भी नहीं है तब वह ऐसा कुछ भी नहीं कर सकती हैं।
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