गोरखपुरः इंसेफेलाइटिस नियंत्रण देश-दुनिया का सफलतम मॉडल : योगी
CM Yogi in Gorakhpur: गुरुवार को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से छह-सात वर्षों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पूरी तरह नियंत्रित और समाप्त हो चुका है। इसके उन्मूलन की बस घोषणा बाकी है। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण देश और दुनिया का एक सफलतम मॉडल है। स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर तैयार किए गए इस सफलतम मॉडल का केंद्र गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज है।
‘मासूम बच्चों को बचाने में हुए सफल’
सीएम योगी गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों के लिए 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए प्रशासनिक भवन का शिलान्यास तथा मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट के लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस इंसेफेलाइटिस से हर साल बारह सौ से पंद्रह सौ मौतें होती थीं, आज उसे पूरी तरह कंट्रोल करते हुए हम लोग मासूम बच्चों को बचाने में सफल हुए हैं। स्वाभाविक रूप से उसके लिए जो मैनपावर लगता था, उसमें जो संसाधन लगते थे, उसको हम क्वालिटी ऑफ हेल्थ के लिए अन्य लोगों को भी उपलब्ध कराने में उपयोग कर रहे हैं। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के सफलतम मॉडल का केंद्र बिंदु बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना।
‘मीडिया ट्रायल तक झेलना पड़ा’
सीएम योगी ने कहा कि 1977-78 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने के बारे में सरकारें सोचती तक नहीं थीं। 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर मैंने समाप्त करने, इसके उन्मूलन के बारे में मॉडल तैयार करने पर विचार किया। इसी सिलसिले में कुशीनगर मुसहरों के बीच जाकर स्वच्छता अभियान चलाया। तब मीडिया में हंसी उड़ाई गई कि एक मुख्यमंत्री गरीबो को साबुन बांट रहा है। पर, जब कोरोना आया तो ट्रायल करने वाले मीडिया के साथियों को भी साबुन और स्वच्छता की बात समझ में आई।
‘बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने देखे कई दौर’
सीएम योगी ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अपना गौरवशाली इतिहास है। इस मेडिकल कॉलेज ने वह भी दौर देखा है जब इस मेडिकल कॉलेज में यह पूर्वी यूपी का स्वास्थ्य का एकमात्र केंद्र हुआ करता था और वह भी संसाधनों के अभाव से जूझता था। इस मेडिकल कॉलेज पर 1997-98 में मान्यता का संकट आया था। एमसीआई ने 1998-99 में मान्यता को एक प्रकार से वापस ले लिया था। तब मैं तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री को लेकर दिल्ली गया था, शपथ पत्र दिलवाया था कि हम यहां की आवश्यकता को पूरा करेंगे। उस समय शासन की लापरवाही थी, अनदेखी थी। उस समय फैकल्टी अपने स्तर पर प्रयास करते थे लेकिन संसाधन काफी कम थे।
‘एम्स गोरखपुर से प्रतिस्पर्धा’
2017 के बाद यहां आए बदलाव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां बाल रोग संस्थान प्रारंभ हो चुका है। पीडिया वार्ड सुसज्जित और इंफ्रास्ट्रक्चर से संपन्न हो गया है। इसी परिसर में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर भी क्रियाशील हो चुका है। सुपर स्पेशियलिटी का ब्लॉक बन चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआरडी मेडिकल को एम्स गोरखपुर से प्रतिस्पर्धा करनी है। क्वालिटी दोनों की समानांतर चल रही है। थोड़ा प्रयास करेंगे तो एसजीपीजीआई लखनऊ और एम्स दिल्ली की तरह ही बीआरडी मेडिकल कॉलेज तथा एम्स गोरखपुर एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे। इसके लिए दोनों के बीच नॉलेज का आदान-प्रदान होना चाहिए।
धैर्य और अध्ययन से निकालना होगा समाधान
सीएम योगी ने चिकित्सकों, चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों से कहा, धैर्य खोए बिना काम करिए। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ बिहार और नेपाल तराई के मरीज भी बड़ी संख्या में आते हैं। स्टडी से इन सबकी पृष्ठभूमि को समझने में आपको मदद मिलेगी। उन्होंने चिकित्सकों से नवाचार और शोध के साथ जुड़ने का आह्वान किया।
अब क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी का समय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब हम क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। 2017 में जब उनकी सरकार बनी थी तब पीएम मोदी ने इसका मंत्र दिया था। उसका अनुसरण कर सरकार ने प्रदेश में बिना रुपया खर्च किए 16 लाख स्ट्रीट लाइट लगवा दी हैं। सोलर पैनल लगाने वाले से उसके उपयोग के बाद बची बिजली खरीद कर उसे इसका रुपया दे दिया जाएगा। उन्होंने रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज द्वारा ली गई लीड की सराहना की। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी का विजन है कि 2070 तक देश पूरी तरह क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी की तरफ जाएगा।
10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का होगा एकसाथ शिलान्यास
सीएम ने कहा इसी माह 19 तारीख को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में पीएम मोदी दस लाख करोड़ की निवेश परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा। मेडिकल कॉलेज में हुए कार्यक्रम में सांसद रविकिशन शुक्ल, सांसद कमलेश पासवान, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, धर्मेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा, मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने वाली फर्म ओएमसी पॉवर के एमडी रोहित चंद्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
विद्युत व्यय में होगी सालाना 72 लाख रुपये की बचत
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 करोड़ रुपये से बनने वाला प्रशासनिक भवन ग्राउंड प्लस फाइव फ्लोर का होगा। इसका निर्माण यूजी (एमबीबीएस) की 50 सीटों की वृद्धि के दृष्टिगत कराया जा रहा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एक मेगावाट क्षमता के जिस सोलर रूफटॉप प्लांट का लोकार्पण आज मुख्यमंत्री ने किया है, उस पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत आई है। इससे मेडिकल कालेज के विद्युत व्यय में प्रति वर्ष 72 लाख रुपये की बचत होगी।
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