Haryana

स्टाइपेंड के लिए 70 फीसद अंक होने की पात्रता को बढ़ाकर 75 फीसद करने से सैकड़ों छात्र लाभ से वंचित हो जाएंगे : एसैप

ASAP Support : आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एसैप) ने स्कॉलरशिप नीति में बदलाव का विरोध कर रहे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों को अपना समर्थन दिया है। एसैप ने अपनी जायज मांगों पर अड़े इन छात्रों से मिलकर उनकी आवाज को मजबूती से उठाने का आश्वासन दिया। इस दौरान एसैप से जुड़े छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से स्कॉलरशिप नीति में किए गए बदलाव को छात्रों के साथ अन्याय बताया।

एसैप ने विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्रों की मांगों को पूरा कर स्टाइपेंड की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की है। साथ ही, एसैप ने केंद्र व हरियाणा सरकार को चेतावनी दी है कि अगर कुलपति को बर्खास्त नहीं किया जाता है तो “आप” छात्र संगठन जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेगा।

‘आप’ छात्र संगठन एसैप का कहना है कि स्कॉलरशिप नीति में बदलाव छात्रों के साथ अन्याय है। पहले स्टाइपेंड पाने के लिए छात्रों को 70 फीसद अंक लाना अनिवार्य था। यह व्यवस्था काफी अच्छी थी और इससे काफी छात्रों को लाभ मिल रहा था, लेकिन हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने अब इसमें बदलाव कर दिया है। नीति में नए बदलाव के बाद अब 75 फीसद अंक पाने वाले छात्रों को ही यह स्टाइपेंड मिल सकेगा। इसे लागू होने से अधिकतर छात्र लाभ से वंचित हो जाएंगे।

छात्रों की आवाज दबेगी नहीं

एसैप ने अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने की कड़ी निंदा की है। एसैप का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की इस बर्बर कार्रवाई का हम विरोध करते हैं। विश्वविद्याल छात्रों की आवाज दबाने के लिए उन पर लाठीचार्ज कराया और धमकाया जा रहा है, लेकिन छात्रों की आवाज दबेगी नहीं। एसैप इन छात्रों के साथ मजबूती के साथ खड़ा है और जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक हम इनके संघर्ष में साथ खड़े हैं।

छात्र कोई नई मांग नहीं कर रहे

एसैप ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से स्कॉलरशिप की पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को लाभ मिल सके। एसैप का कहना है कि यह छात्र कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं। वे बस वही न्याय और वही पुरानी व्यवस्था वापस चाहते हैं जो पहले थी। लेकिन बदले में छात्रों को लाठियां मिल रही है। विश्वविद्यालय छात्रों को सुरक्षा देने बजाय उनका दमन करने पर उतारू है। अपने अधिकारों की आवाज उठाने पर उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया, जिसकी एसैप कड़ी निंदा करता है।

एसैप ने हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार से चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बीआर कंबूज को बर्खास्त करने की भी मांग की है। एसैप का कहना है कि कुलपति को उनके दायित्व से बर्खास्त करना चाहिए। अगर सरकार बर्खास्त नहीं करती तो एसैप जंतर मंतर पर सरकार के ख़िलाफ़ और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विधार्थियो के समर्थन में धरना प्रदर्शन करेगा।

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