
Winter Session: लोकसभा ने गुरुवार, 21 दिसंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 पारित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 10 अगस्त को राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया था, जिसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के संबंध में कानूनी शून्यता का उल्लेख किया गया था। 2 मार्च, 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि जब तक केंद्र सरकार भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) में नियुक्तियों पर एक कानून नहीं लाती, तब तक नियुक्तियां पीएम की एक समिति की सलाह पर की जानी चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और लोकसभा में विपक्ष के नेता।
Winter Session: राज्यसभा से हो चुका है पास
इसके बाद उच्च सदन ने 12 दिसंबर को विधेयक पारित कर दिया। नतीजतन, इसे आज लोकसभा में पेश किया गया। गौरतलब है कि 11 दिसंबर को सरकार ने बिल में कुछ संशोधन का प्रस्ताव रखा था। मूल विधेयक में यह निर्धारित किया गया था कि खोज समिति में कैबिनेट सचिव और दो सदस्य शामिल होंगे जो भारत सरकार के सचिव स्तर से नीचे के नहीं होंगे। प्रस्तावित संशोधन में ‘कैबिनेट सचिव’ के स्थान पर ‘कानून और न्याय मंत्री’ शब्द जोड़ा गया है।
Winter Session: सुप्रीम कोर्ट के जज के समान सेवा
इसके अलावा, संशोधन में प्रस्तावित किया गया है कि सीईसी और ईसी के भत्ते और सेवा शर्तें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के समान होंगी। इसने यह भी सुझाव दिया है कि सीईसी को हटाने में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को हटाने के समान प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसमें कहा गया है कि ईसी को सीईसी की सिफारिश के बिना कार्यालय से नहीं हटाया जा सकता है।
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