
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुए सुरंग हादसे में फंसे ४१ मजूदर दिन-रात उससे बचने की दुआ कर रहे हैं। अब बचाव टीमों ने भी रफ्तार पकड़ ली है और कर्मचारियों को जल्द से जल्द बाहर लाने का प्रयास कर रहे हैं। आज 27 नवंबर है, सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में फंसे 41 कर्मचारियों को निकालने के रेस्क्यू ऑपरेशन का 16वां दिन। कुल मिलाकर, कर्मचारियों को बाहर निकालने के लिए पांच योजनाओं पर काम किया जा रहा है।
दीवाली वाले दिन सुबह करीब साढ़े पांच बजे निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा ढहा, 41 श्रमिक फंसे. उत्तरकाशी जिला प्रशासन द्वारा बचाव कार्य शुरू किया गया और कंप्रेशर से दबाव बनाकर पाइप के जरिए फंसे श्रमिकों के लिए आक्सीजन, बिजली और खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गयी. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिवादन बल, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और परियोजना का निर्माण करने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम (एनएचआइडीसीएल) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस(आईटीबीपी) समेत विभिन्न एजेंसियां बचाव अभियान में शामिल हुईं.
टनल के बाहर तैयारियां
वहीं, टनल के बाहर पूरी तैयारियां कर ली गई है। एम्बुलेंस को तैयार रखा गया है और घटनास्थल पर चिकित्सकों को भी बुलाया गया। मजदूरों के बाहर आते ही उनके मेडिकल परीक्षण के लिए 41 बेड का अस्पताल भी तैयार है। वहीं, हालत खराब होने की स्थिति में उन्हें एयरलिफ्ट भी किया जा सकता है। बताया गया कि मजदूरों को विशेष पहिए वाले स्ट्रेचर से बाहर लेकर आया जाएगा।
रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द पूरा होने की उम्मीद है। पीएम मोदी बचाव अभियान पर खुद नजर रखे हुए हैं। सीएम धामी ने बताया था कि प्रधानमंत्री हर दिन रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी अपडेट ले रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं। बीते दिन भी उन्होंने मजदूरों से बात कर उनके स्वास्थ्य को लेकर जानकारी ली और उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश की।
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