
Cryptocurrency: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार, 10 नवंबर को क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देशों की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने यह भी कहा कि हालांकि याचिका संविधान के अनुच्छेद- 32 के तहत दायर की गई थी, लेकिन इसका लक्ष्य संबंधित मामले में याचिकाकर्ता के लिए जमानत सुरक्षित करना प्रतीत होता है।
Cryptocurrency: नहीं कर सकते है सुनवाई
मुख्य़ न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हम इसपर बिचार नहीं कर सकते, याचिकाकर्ता कानून के तहत कार्रवाई करने के लिए के लिए अन्य अधिकारियों से संपर्क कर सकता है’’। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी स्वेच्छा से खरीदी गई थी और इस प्रकार ऐसे लेनदेन के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कोई अपराध नहीं हो सकता है।
विचार करने से किया इनकार
न्यायालय ने इस मामले पर आगे विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता किसी अन्य मंच पर जा सकता है। आपको बता दें कि याचिकाकर्ता, मनु प्रशांत विग, वर्तमान में 2020 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज एक मामले में न्यायिक हिरासत में है। मनु प्रशांत विग ब्लू फॉक्स मोशन पिक्चर लिमिटेड के निदेशकों में से एक हैं। उन पर लोगों को “असाधारण, उच्च रिटर्न दर” वाली योजना में पैसा निवेश करने के लिए प्रेरित करने का आरोप है।
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