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ब्रज: 40 हजार हाथ, विदेशों तक व्यापार, 500 करोड़ का कारोबार

देश से लेकर दुनिया तक के मंदिरों में श्रीकृष्णजन्मोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। कान्हा के कृपा पात्र ब्रजवासियों पर इन दिनों मां लक्ष्मी भी मेहरबान हैं। सात सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (shree Krishna Janmastmi) है लेकिन इससे तकरीबन दो से तीन महीने पहले से ही यहां कान्हा की पोशाकें और उनकी सज्जा सामग्री बनाने का काम जोरों पर है। एक अनुमान के मुताबिक अभी तक यहां कान्हा की पोशाक और अन्य सज्जा सामग्री का 500 करोड़ तक का कारोबार हो चुका है।

कान्हाजी की पोशाक में चंद्रयान-3 की झलक

कान्हा जी के 5250वें जन्मोत्सव पर इस बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान कान्हा जी को अनूठी पोशाक धारण करवाने की तैयारी कर रहा है। उनकी पोशाक में चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) की झलक देखने को मिलेगी। पोशाक को धारण कराने से पहले पूजन के लिए ले जाया जाएगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उन्हें यह पोशाक धारण कराई जाएगी।

विदेशों से बंपर डिमांड, क्या अमेरिका क्या ओमान

विदेशों (Foreign)में भी कान्हा जी को जन्मोत्सव के अवसर पर ब्रज की बनी पोशाक पहनाने का क्रेज है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, दुबई और ओमान से भी कान्हा जी की पोशाकों और सज्जा सामग्री की अच्छी डिमांड आ रही है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए कारीगर दिन रात मेहनत कर रहे हैं और कोरियर आदि विभिन्न माध्यमों से आर्डर भेजे जा रहे हैं।

20 हजार कारीगर कर रहे तैयार, इतने करोड़ का हो चुका कारोबार

कान्हा जी की पोशाक और अन्य सज्जा सामग्री बनाने में ब्रज के तकरीबन 20 हजार कारीगर दो से तीन महीने पहले से 14-14 घंटे काम कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक अभी तक 500 करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका है। 4 से पांच हजार परिवारों का यही प्रमुख व्यवसाय भी है।

कम से लेकर अधिक दामों तक की पोशाकें

कान्हा जी की पोशाक लगभग दस रुपये से लेकर 500 रुपये तक बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। अन्य डिजाइनर पोशाकें डिमांड के हिसाब से भी तैयार की जाती हैं जिनकी कीमत अधिक रहती है। ब्रज में 800 से 850 दुकानें इसी व्यवसाय से जुड़ी हैं।

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