Joshimath: एक हफ्ते में नहीं बढ़ी एक भी दरार, 50 भवनों में स्थापित किए थे क्रैकोमीटर

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Joshimath: उत्तराखंड स्थित जोशीमठ में भू-धंसाव क्षेत्र में पड़ी दरारों में बीते एक हफ्ते से कोई इजाफा नहीं हुआ है।  इसको लेकर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की टीम ने 14 जनवरी को नगर क्षेत्र के प्रभावित क्षेत्र के करीब 50 भवनों में क्रैकोमीटर स्थापित किए थे। बता दें कि यह मशीन दरारों की गहराई और तीव्रता को नापने का काम करती है। मामले में जानकारी देते हुए सीबीआरआई के एक वैज्ञानिक ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में किसी भी क्रैकोमीटर में दरारें बढ़ने की कोई रीडिंग दर्ज नहीं हुई है, जिससे शेष बचे क्षतिग्रस्त भवनों पर फिलहाल क्रैकोमीटर नहीं लगाए जा रहे हैं। साथ हीं उन्होंने क्रैकोमीटर की लगातार मॉनिटरिंग होने की बात कही।

बिजली के पोलों को हटाने का काम शुरू

भू-धंसाव क्षेत्र सिंहधार वार्ड में ऊर्जा निगम ने धंसाव की चपेट में आए बिजली के पोलों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। ये पोल सुरक्षित स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे। पोल के साथ ही बिजली के तार भी शिफ्ट किए जा रहे हैं। ऊर्जा निगम के ईई अमित सक्सेना ने बताया कि नगर क्षेत्र में बिजली की सप्लाई बाधित न हो इसके लिए भू-धंसाव क्षेत्र के बिजली के पोल व तार सुरक्षित स्थानों पर लगाए जा रहे हैं।

लगातार 19वें दिन भी जारी रहा ध्वस्तीकरण का कार्य

जोशीमठ स्थित मलारी इन और माउंट व्यू होटल का ध्वस्तीकरण का कार्य 19वें दिन भी लागातार जारी रहा। आपको बता दें कि मलारी इन होटल का ध्वस्तीकरण बदरीनाथ हाईवे के लेवल तक किया जा चूका है, जबकि माउंट व्यू होटल की एक मंजिल की दीवारें अभी तोड़ी जा रही हैं।

मामले में जानकरी देते हुए लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता सुरेंद्र पटवाल ने बताया कि अब करीब एक हफ्ते के भीतर इन दोनों होटलों को पूर्ण रूप से ध्वस्त कर दिया जाएगा।

साथ हीं उन्होंने यह भी बताया कि होटलों के मलबे को आवासीय क्षेत्र में नहीं डालने दिया जा रहा है, जिसके चलते ध्वस्तीकरण के काम में देरी हो रही है।

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