Ujjain: उज्जैन में 5100 कंडों की होली, महाकाल का भांग चंदन से किया श्रृंगार

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Ujjain: एमपी के शहरो में सोमवार को होलिका दहन किया गया। आज सुबह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल का भांग, चंदन और सूखे मेवे से दिव्य श्रृंगार किया गया। पंडित पुजारियों ने गर्भगृह में गुलाल उड़ाकर महाकाल के साथ होली खेली। महाकाल परिसर मे सबसे पहले सोमवार शाम होलिका दहन हुआ। आपको बता दें यहा बिना मुहूर्त होलिका दहन की पंरपरा है।   

उज्जैन के सिंहपुरी में आज सुबह 6 बजे 5100 कंडों की 20 फीट ऊंची होलिका जलाई गई।  पुरानी मान्यता के अनुसार सिंहपुरी की होली जलाने राजा भृतहरि आते थे। तब से यह परंपरा निभाई जा रही है। इसे सबसे बड़ी वैदिक होली कहा जाता है।

इंदौर में राजबाड़ा और ग्वालियर में सनातन धर्म मंदिर पर होली जलाई गई। भोपाल, जबलपुर, सागर, रीवा में आज होलिका दहन किया जाएगा।  आपको बता दें कि 28 साल में ऐसा दूसरी बार है, जब दो दिन होलिका दहन हो रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका पूजन की मान्यता मानी जाती है। पूर्णिमा 6 और 7 मार्च दोनों दिन है। 28 साल पहले 26 मार्च 1994 को ऐसा ही हुआ था।

2 हजार से ज्यादा जगह पर होलिका दहन

भोपाल में आज लगभग दो हजार जगह होलिका का दहन किया जाएगा। ज्यादातर स्थानों पर गोबर के कंडों से बनी होलिका का दहन किया जाएगा। 8 मार्च को रगों वाली होली खेली जाएगी। पुराने शहर में हिंदू उत्सव समिति चल समारोह भी निकालेगी।

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