Hybrid Hearing: अधीनस्थ न्यायालय के रवैये से नाराज सुप्रीम कोर्ट, जारी किया नोटिस

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Hybrid Hearing: उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में निराश होकर कहा कि महामारी के बाद की दुनिया में अदालती सुनवाई में तकनीक के निरंतर उपयोग के लिए उसके स्पष्ट दबाव के बावजूद भी देश भर के कई उच्च न्यायालयों और न्यायाधिकरणों ने ऐसा करना बंद कर दिया है। कोर्ट ने उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रारों के साथ-साथ राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग को नोटिस जारी किया।

Hybrid Hearing: कोविड के दौरान शुरू हुई थी सुनवाई

देश में COVID-19 महामारी के दौरान वर्चुआल सुनवाई शुरू की गई थी। कोरोना से देशभर में जैसे ही लॉकडाउन लगा तभी देश में न्याय प्रदान करने के लिए एक तरह की डिजिटल क्रांति देखी गई। भारतीय कानूनी व्यवस्था के इतिहास में पहली बार अदालती कार्यवाही वर्चुआल रूप में आयोजित की गई। जहां सभी पक्षों, न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों ने कोर्ट रूम में शारीरिक रूप से मौजूद होने के बजाय वर्चुअली भाग लिया। यह व्यवस्था काफी सराहनीय ढंग से देश भर की कई अदालतों में तेजी से शुरू की गई थी।

हाइब्रिड सुनवाई होने लगी है कम

दुनिया जैसे ही धीरे-धीरे महामारी के बाद फिर से पूरी तरह से खुलने लगी, कोर्ट ने अदालती कार्यवाही संचालित करने के लिए तकनीक का उपयोग करने में झिझकने लगीं। एनसीएलटी सहित कई उच्च न्यायालयों और न्यायाधिकरणों ने सुनवाई के भौतिक तरीके को पूरी तरह से लागू कर लिया है।

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