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आज है हनुमान जयंती, साल में 2 बार क्यों मनाते हैं हनुमान जी का जन्मदिन

हनुमान जयंती
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हनुमान जयंती भगवान हनुमानजी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्त बजरंगबली के नाम का व्रत रखते हैं। हर साल हनुमान जयंती चैत्र मास (हिन्दू माह) की पूर्णिमा को मनाई जाती है, हालांकि कई जगहों पर यह पर्व कार्तिक मास के कृष्णपक्ष के चौदवें दिन भी मनाई जाती है। इस साल चैत्र मास की पूर्णिमा 16 अप्रैल, शनिवार को है। आइए आज हम आपको बताएंगे की हनुमान जंयती साल में दो बार क्यों मनाई जाती है।

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महवीर हनुमानजी के बारे में कई ऐसी बाते हैं जो उन्हें सभी देव सभी देवताओं से खास बनाते हैं। पौराणिक मत के अनुसार हनुमानजी महज एक ऐसे देवता हैं जो त्रेतायुग से लेकर आज तक और सृष्टि के त तक अपने शरीर के साथ इस धरती पर मौजूद हैं। तुलसीदासजी को इस बात का प्रमाण स्वंय हनुमानजी ने दिया है। धार्मिक मान्यता तो यह भी है कि जहां भी राम कथा होती है वहां हनुमानजी किसी ना किसी रूप में मौजूद रहते हैं।

साल में दो बार हनुमान जयंती क्यों ?

चिरंजीवी हनुमानजी के जन्म स्थान और जन्मतिथि को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। एक मान्यता जो उत्तर भारत में अधिक प्रचलित है। उसके अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी दीपावली से एक दिन पहले हुआ था। बाल्मिकी रामायण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि मंगलवार के दिन स्वाती नक्षत्र में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन हनुमानजी का प्राकट्य हुआ था। जबकि एक अन्य मान्यता के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को बजरंगबली का जन्म हुआ था। इस वर्ष यह तिथि 16 अप्रैल दिन बुधवार को है। इस तरह हनुमानजी का जन्मदिन पूरे देश 2 दिन मनाता है।

इस तरह करें हनुमान जयंती की पूजा

हनुमान जयंती के दिन पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान करके हनुमानजी को चोला, सिंदूर और लड्डू अर्पित करने की परंपरा है। इस दिन हनुमानजी की प्रसन्नता के लिए हनुमान भक्तों को हनुमान चालीसा, सुंदर कांड, बजरंग बाण और रामायण का पाठ करना चाहिए। हनुमानजी को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर लेपन करना चाहिए। चमेली या सरसों के तेल से दीप जलाएं और लाल रंग की बाती का प्रयोग करना चाहिए।

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