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वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर मुखी घर का गेट कैसा होना चाहिए?

उत्तर मुखी घर का गेट
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर मुखी घर शुभ होता है। उत्तर दिशा के भगवान कुबेर होते हैं। भगवान कुबेर धन के देवता हैं। उत्तर मुखी घर काफी फलदायी होते हैं लेकिन पूरा घर वास्तु के अनुसार ही होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, पूर्व, उत्तर और उत्तर-पूर्व की ओर मुख वाले घर काफी शुभ होते हैं।

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घर किसी व्यक्ति के निजी जीवन से जुड़ा होता है। अगर निजी जीवन में व्यक्ति को सुख-शांति है तो वह उसके संपूर्ण व्यक्तित्व पर दिखता है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग अपना घर वास्तु के हिसाब से ही बनवाते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मेन गेट अगर उत्तर दिशा में हो तो यह बहुत उत्तम होता है। लेकिन उत्तर मुखी घर सभी के लिए शुभ नहीं होते हैं। अगर घर का मेन गेट वास्तु के अनुसार नहीं हो तो यह शुभ की जगह अशुभ फल भी प्रदान कर सकता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा के किसी कोने में आप घर का मुख्य द्वार बनवा सकते हैं लेकिन इसके साथ ही कुछ शर्तें भी हैं। घर के उत्तर-पूर्वी कोने में कभी भी रसोईघर, बाथरूम या बेडरूम नहीं बनवाना चाहिए। घर के उत्तरी कोने में सीढ़ियों का निर्माण नहीं करवाना चाहिए। इसके अलावा घर का कोई कोना जो उत्तर दिशा से मेल रखता हो, वहां भी सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए।

घर के उत्तरी कोने में बड़े और घने पेड़ नहीं लगाना चाहिए। इस दिशा में कूड़ेदान भी नहीं रखना चाहिए। पानी की टंकी भी उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि रसोई घर दक्षिण-पूर्व दिशा या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।

उत्तर मुखी घर में घर का मंदिर हमेशा उत्तर-पूर्वी दिशा में होना चाहिए। इस हिस्से में बैठक भी बनवा सकते हैं। मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में ज्यादा शुभ होता है।

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