CM मान ने केंद्रीय मंत्री गडकरी के पत्र का दिया जवाब, किसानों की जमीन का उचित मूल्य देने की मांग
CM Mann Letter to Central Minister : पंजाब के CM भगवंत मान ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा है. यह पत्र केंद्रीय मंत्री के पत्र के जवाब में लिखा गया है. इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार, देश और राज्य दोनों की प्रगति के लिए एनएचएआई को समर्थन देने और समन्वय के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
‘पंजाब सरकार परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध’
केंद्रीय सडक़ परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के महत्व को अच्छी तरह समझती है और पंजाब सरकार इन परियोजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण और अन्य संबंधित मामलों में एनएचएआई की सक्रियता से मदद कर रही है। यही कारण है कि कुछ एक मामलों को छोड़कर, राज्य में एनएचएआई के अधिकांश प्रोजेक्ट्स सुचारू रूप से चल रहे हैं।
‘दोनों मामले ठेकेदारों की वजह से उत्पन्न हुए’
मुख्यमंत्री ने बताया कि गडकरी द्वारा उल्लेखित दोनों मामलों में स्थानीय पुलिस ने तुरंत संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में गिरफ्तारियां भी की गई हैं और जांच के दौरान पाया गया कि एक घटना एनएचएआई ठेकेदार द्वारा ज़मीन की अधिक खुदाई का परिणाम थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दूसरी घटना ठेकेदार द्वारा अपने उप-ठेकेदार को वित्तीय बकाया न देने का परिणाम है और कहा कि दोनों मामले ठेकेदारों की वजह से उत्पन्न हुए हैं।
क्षेत्र में गश्त टीमों को तैनात करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बावजूद, पंजाब पुलिस एक उत्कृष्ट बल होने के नाते, एनएचएआई की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को ध्यान के लिए वचनबद्ध है और उन्होंने पहले ही स्थानीय लोगों को कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में गश्त टीमों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
‘राज्य के किसान अपनी जमीन से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए’
उन्होंने कहा कि जहां तक भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों का सवाल है, केंद्रीय मंत्री को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि राज्य के किसान अपनी जमीन से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं, क्योंकि यह उनकी मूल्यवान संपत्ति है और उनकी आजीविका का मुख्य साधन है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके अलावा पंजाब में जमीन के दाम अधिक हैं, इसलिए यदि किसानों को लगता है कि उन्हें उनकी जमीन के उचित मूल्य नहीं मिल रहे हैं, तो वे अपनी जमीनें देने के लिए तैयार नहीं होते।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी का बताया कारण
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई ऐसे मामले हैं जहां किसान मध्यस्थों द्वारा दिए गए मूल्य से संतुष्ट थे और अपनी जमीनें निर्धारित दरों पर एनएचएआई को सौंपने के लिए तैयार थे। उन्होंने अफसोस जताया कि ऐसे मामलों में एनएचएआई ने मध्यस्थों द्वारा बताए गए मूल्य पर सहमति बनाने या इसे स्वीकार करने में लंबा समय लिया, जिसके कारण भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी हुई।भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि कई ऐसे मामले हैं, जहां भूमि का कब्जा एनएचएआई को दे दिया गया था, लेकिन इसके ठेकेदारों ने संबंधित स्थानों पर अपनी मशीनरी लगाने और काम शुरू करने में लंबा समय लगा दिया, जिसके कारण किसानों ने दोबारा जमीन पर खेती शुरू कर दी।
CM मान स्वयं कर सकते हैं किसानों से बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार जब राज्य के अधिकारियों द्वारा भूमि का कब्जा एनएचएआई को सौंप दिया जाता है, तो इसे बरकरार रखना एनएचएआई या उसके ठेकेदारों की जिम्मेदारी बन जाती है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि उनके निर्देशों पर राज्य के मुख्य सचिव पहले ही एनएचएआई को पेश आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों और एनएचएआई के साथ नियमित समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। इसके साथ ही CM भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह स्वयं इस मुद्दे पर किसानों के साथ बातचीत करने पर विचार कर रहे हैं।
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