कासगंज: अल्ताफ़ की हिरासत में संदिग्ध मौत पर गरमाई सियासत, विपक्ष ने खड़े किए कई सवाल
उत्तर प्रदेश के कासगंज में हिरासात में हुई अल्ताफ़ की संदिग्ध मौत मामले में कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल गरूवार को पीड़ित परिवार के पास जाएगा।
कांग्रेेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान जारी कर कहा है कि मामले की सच्चाई जानने के लिए कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल कासगंज जाएगा।
बयान में कहा गया है कि मामले की जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रतिनिधिमंडल अल्ताफ़ के परिवार से मुलाकात करेगा। उसके बाद स्थानिय प्रशासन से भी मुलाकात कर मामले में जानकारी इकट्ठा की जाएगी। बाद में जिसका पूरा ब्योरा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दिया जाएगा।
दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी घटना को शर्मनाक बताया है। साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बसपा प्रमुख ने सख्त सजा के साथ पीड़ित परिवार की मदद करने की भी मांग की है।
मामले में राजनीति काफी तेज हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी पीछे नहीं है। उन्होंने मामले में सस्पेंड हुए पुलिसकर्मियों की कार्यवाई को नाटक बताया है।
उन्होंने कहा, इस मामले में पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाना “सिर्फ़ दिखावटी कार्रवाई है।”
पूरा मामला क्या है
कासगंज के एक पुलिस थाने में मंगलवार रात एक 22 साल के मुस्लिम युवक अल्ताफ़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
पुलिस ने बताया था कि नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया था। बाद में उसने थाना में बने शौचालय की टोटी से लटककर आत्महत्याकर ली।
अल्ताफ़ के पिता के मुताबिक उन्होंने खुद पूछताछ के संदर्भ में उनके बेटे को पुलिस को सौंपा था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने अल्ताफ़ को पीट-पीट कर मार डाला।
मामले में गैर-जिम्मेदारी के लिए अब तक पांच पुलिस वालो को सस्पेंड कर दिया है।